Dhanbad News: संवाददाता, धनबाद. सिंफर धनबाद ने शनिवार को अपना 79वां स्थापना दिवस मनाया. कार्यक्रम में कोयला खनन, ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ तकनीकों के क्षेत्र में संस्था की दीर्घकालिक वैज्ञानिक नेतृत्व यात्रा को रेखांकित किया. निदेशक प्रो अरविंद कुमार मिश्रा ने स्वागत संबोधन में 1946 में सीएफआरइ व 1956 में सिंफर से शुरू हुई शोध प्रगति का विवरण दिया. बताया कि 2007 में विलय के बाद इसमें पिलर डिजाइन, हाइवॉल माइनिंग, कोयला गैसीकरण, सिंगैस से हाइड्रोजन उत्पादन, मेटल माइनिंग तकनीक और सिलक्यारा टनल तथा नवी मुंबई एयरपोर्ट परियोजना जैसे मिशनों में ऐतिहासिक भूमिका निभायी. उन्होंने विजन 2047 के अनुरूप नेट-जीरो माइनिंग, डिजिटल माइनिंग सिस्टम और उन्नत ऊर्जा तकनीकों को भविष्य की प्राथमिकता बतायी. समारोह में उच्च-राख भारतीय कोयले पर आधारित इंडियन रेफरेंस मैटेरियल बीएनडी 5092 लॉन्च हुआ. यह ऐश कंटेंट, वोलाटाइल मैटर व जीसीवी परीक्षण को और अधिक मानकीकृत बनाने में सहायक होगा. डॉ एमपी रॉय ने सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र, युवा वैज्ञानिक, उच्चतम परियोजना प्राप्ति, पेटेंट–कॉपीराइट, श्रेष्ठ तकनीकी व प्रशासनिक कार्यश्रेणी में विजेताओं की घोषणा की. इससे वैज्ञानिक प्रेरणा और नवाचार संस्कृति के विस्तार को प्रोत्साहन मिलेगा. कार्यक्रम का संचालन डॉ आशीष कुमार घोष ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन एफएओ प्रियंम मुखर्जी ने किया.
तीन संस्थानों के साथ हुआ एमओयू :
कार्यक्रम के दौरान बीआइटी मेसरा, बीबीएमकेयू धनबाद व आइआइटी रुड़की के साथ नये समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुआ. इन समझौतों से शोध, प्रशिक्षण और ज्ञान-विनिमय के नये आयाम खुलेंगे. एमओयू प्रक्रिया में अभियंता अमरनाथ की भूमिका महत्वपूर्ण रही.बीबीएमकेयू कुलपति ने सहयोग को बताया प्रगति का आधार :
मुख्य अतिथि बीबीएमकेयू के कुलपति प्रो (डॉ) राम कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय–अनुसंधान संस्थान साझेदारी से छात्रों और समाज दोनों को लाभ मिलता है. उन्होंने सिंफर और बीबीएमकेयू के बीच नवीकृत एमओयू की सराहना करते हुए संयुक्त शोध विकास की दिशा में मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया.आइआइटी कानपुर के प्रो पाला का वैज्ञानिक व्याख्यान :
विशिष्ट अतिथि प्रो राज गणेश एस पाला (आइआइटी कानपुर) ने अपने व्याख्यान में स्वच्छ ऊर्जा, सीओ टू रूपांतरण, उभरती बैटरी तकनीक, इलेक्ट्रोकैटलिसिस, सेंसर प्रणाली और न्यूक्लियर–इलेक्ट्रोकेमिकल ऊर्जा तकनीकों पर शोध संभावनाएं प्रस्तुत कीं. उन्होंने कहा कि आइआइटी व सीएसआइआर की संयुक्त पहल भारत को तकनीकी शक्ति बनने की गति प्रदान कर सकती है.मुख्य अतिथि ने नवाचार व प्रिडिक्टिव माइनिंग पर दिया बल:
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चेतन प्रकाश जैन (जेएस व एफए, सीएसआइआरव सीएमडी, सेल) ने कहा कि सिंफर के शोध समाधान प्रयोगशालाओं से निकलकर उद्योगों और खदानों तक परिणाम दे रहे हैं. उन्होंने डिजिटल, रोबोटिक व प्रिडिक्टिव माइनिंग की दिशा में तेजी लाने की सलाह देते हुए वित्तीय पारदर्शिता, अनुशासन और समयबद्ध नवाचार को संस्थान की सबसे बड़ी ताकत बताया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

