– 31 अक्तूबर को धनबाद रेल मंडल के ऑपरेटिंग विभाग से रिटायर हुए थे सत्यपाल खेंद्रिया
-पीपीओ नंबर जारी करने के नाम पर निकाल ली पावना राशिधनबाद.
धनबाद रेल मंडल के ऑपरेटिंग विभाग से 31 अक्तूबर को रिटायर बैंक मोड़ शांति भवन निवासी सत्यपाल खेंद्रिया के खाते से साइबर अपराधियों ने रिटायरमेंट के 22.15 लाख रुपये मंगलवार को उड़ा लिये. जब उन्हें लगा कि फ्रॉड हुआ है तो वह तुरंत बैंक गये. वहां बैंक अधिकारियों ने उन्हें बताया कि एक घंटे पहले ही उनके खाते से 22 लाख 15 हजार रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. बैंक अधिकारी ने एक ट्रांजेक्शन को होल्ड कर दिया, जबकि अन्य ट्रांजेक्शन हो चुके थे. सत्यपाल खेंद्रिया तुरंत साइबर थाना पहुंचे और लिखित शिकायत की. साइबर पुलिस ने बताया कि इससे पहले भी रेल अधिकारियों के साथ इस तरह की घटना हो चुकी है.सहायक कार्मिक अधिकारी बन साइबर ठग ने किया था फोन
सत्यपाल ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद दो नवंबर को उनके खाते में 22 लाख रुपये आये थे. उन्होंने रिटायरमेंट से पहले ही पेंशन के लिए पति-पत्नी का फोटो के अलावा सारी जानकारी रेलवे के पर्सनल विभाग को दे दिया था. मंगलवार को पूर्वाह्न में साइबर अपराधी ने अपने मोबाइल नंबर-70041344.. से सत्यपाल को फोन किया और अपने को धनबाद रेल मंडल का सहायक कार्मिक अधिकारी बता बात करने लगा. उसने अपनी बातों में फंसाया और कहा कि तुम्हारा पीपीओ नंबर जारी करना है. झांसा में लेने के लिए सत्यपाल द्वारा पहले से दिया गया उनका और उनकी पत्नी का हस्ताक्षरयुक्त फोटो उनके व्हाट्सऐप पर भेजा. कहा कि इसे मिलान कर लो. उन्हें रेलवे द्वारा जारी नंबर भी देकर कंफर्म करवाया. तब उन्हें लगा कि रेल अधिकारी ही बात कर रहे हैं. फिर उसने फोन काट दिया. कुछ समय के अंतराल पर उन्हें तीन बार कॉल किया गया. अंतिम कॉल दोपहर के 12 बजे के आसपास किया. उस दौरान उन्हें फोन पर लिया और कहा कि अब फोन मत काटना. अपने आसपास की एटीएम में चले जाओ. वह तुरंत एटीएम चले गये. लेकिन इस दौरान वह लगातार फोन पर बात कर रहा था और उसने तीन ओटीपी भेजा. वह जैसे-जैसे एटीएम में करने के लिए कहता, सत्यपाल करते जा रहे थे.शक हुआ, तो पहुंचे बैंक की शाखा
एटीएम से वापस आने के बाद उन्हें शक हुआ कि उनके साथ कुछ गलत हुआ है. वह तुरंत बैंक गये. वहां जाकर अपने 22 लाख को दूसरे एकाउंट में जमा करवाना चाह रहे थे. जब बैंक अधिकारी ने उनके खाता की जांच की, तो पता चला कि एक घंटा पहले ही उनके खाता से कई बैंक एकाउंट में 22 लाख 15 हजार रुपये ट्रांसफर हो चुके हैं. इस दौरान बैंक अधिकारी ने एक खाता में ट्रांसफर हुआ रुपया होल्ड कर दिया. सत्यपाल ने बताया कि जब वह साइबर थाना गये, तो वहां पर मौजूद पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि इस तरह की पांचवीं घटना उनके पास आयी है. जब पूरा डॉक्यूमेंट रेलवे प्रशासन को दिया गया है, तो वह कैसे लीक हुआ. इसमें वहां का कोई कर्मचारी शामिल हो सकता है. अब पुलिस वैसे शख्स की तलाश में है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

