पूर्वी टुंडी (धनबाद) : मामला रूपन पंचायत अंतर्गत केन्दुआटांड़ गांव के दुर्गा सोरेन के परिवार का है. दुर्गा सोरेन को शादी के लगभग चार वर्ष बीत जाने के बाद भी संतान का सुख प्राप्त नहीं हो सका, इसके लिए पति-पत्नी इलाज करा रहे हैं. परिजनों के अनुसार दुर्गा सोरेन अपनी मां का इकलौता बेटा है. निसंतान होने के कारण सास-बहू में कभी-कभार मनमुटाव तो होता ही था लेकिन विवाद तब बढ़ गया जब दुर्गा के पत्नी को सांप ने काटा और वह झाड़ फूंक के लिए महाराजगंज (टुंडी) के बरवाटांड़ स्थित तांत्रिक अर्जुन ठाकुर के पास पहुंचे.
वहां पर तांत्रिक ने परिवार में विवाद का कारण डायन होना बता दिया एवं उसकी पत्नी को वशीभूत करते हुए उस डायन का नाम पूछा तो उसने अपनी सांस का नाम बताया. जिसे मौजूद परिवार के अन्य सदस्यों ने भी सुना. इसका समाधान पूछने पर तांत्रिक ने पूजा करने का उपाय बताया एवं एक बकरा और कुछ रुपये की मांग की.
डायन के रूप में सास का नाम आने के बाद परिवार में विवाद बढ़ता गया और आये दिन झगड़े होने लगे. बहू के घर छोड़ने तक की नौबत आ गयी. मामला महापंचायत में पहुंचा, जहां शुक्रवार को प्रबुद्ध लोगों ने मामले में परिवार के सदस्यों को समझाते हुए बताया कि आज के समय में डायन भूत जैसी कोई चीज नहीं होती है.
सभी के समझाने के बाद परिवार के सदस्यों की आंखें खुली और और राजी खुशी से परिजनों का रहना तय हुआ. पंचायती में पंचायत समिति सदस्य मोहन हांसदा, राजू मुर्मू, बीरलाल मुर्मू, रामेश्वर मरांडी, राजेश मुर्मू, संभारी मरांडी समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे.