संजीव झा, धनबाद : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत धनबाद में भारी गड़बड़झाला है. यहां जॉब कार्ड किसी और का, काम किसी और को मिल रहा है. यहां एक सौ रुपये के किराये पर जॉब कार्ड दिया जा रहा है. प्रभात खबर के पास ऐसे कई दस्तावेज मिले हैं, जिससे इस गड़बड़झाले की पुष्टि हाेती है.
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मनरेगा जॉब कार्ड भी किराये पर!
संजीव झा, धनबाद : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत धनबाद में भारी गड़बड़झाला है. यहां जॉब कार्ड किसी और का, काम किसी और को मिल रहा है. यहां एक सौ रुपये के किराये पर जॉब कार्ड दिया जा रहा है. प्रभात खबर के पास ऐसे कई दस्तावेज मिले हैं, जिससे इस […]
कैसे होता है गड़बड़झाला : धनबाद जिले के लगभग सभी प्रखंडों में एक कॉकस सक्रिय है. यह कॉकस मनरेगा मजदूरों का जॉब कार्ड किराये पर ले लेता है. मनरेगा की अधिकांश योजनाओं में काम मशीन से होता है.
बाद में जॉब कार्ड के आधार पर डाटा इंट्री करा दी जाती है. इसमें नियमों की अनदेखी भी होती है. जैसे किसी भी पंचायत में किसी के भी जॉब कार्ड की इंट्री कर देना. जानकार कहते हैं : अगर इसकी जांच सूक्ष्मता से हो जाये, तो एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है.
कैसे निकलता है पैसा : मनरेगा जॉब कार्ड के आधार पर मजदूरों का भुगतान डीबीटी के तहत सीधे उनके बैंक खाता में होते है. अब पंचायतों में कई बैंकों का ग्राहक सेवा केंद्र (सीएसपी) खुल गया है. सीएसपी वाले लैपटॉप लेकर गांव चले जाते हैं. वहां कॉकसवाले संबंधित मजदूरों को बुला कर अंगूठा लगवाते हैं.
इसके बाद राशि की निकासी हो जाती है. मजदूरों को प्रति जॉब कार्ड एक सौ रुपये किराया दिया जाता है. अगर किसी दूसरी पंचायत में जॉब कार्ड का इस्तेमाल हुआ हो, तो किराये की रकम डेढ़ सौ रुपये हो जाती है. मनरेगा के तहत मजदूर को 173 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी मिलती है. इसका भुगतान साप्ताहिक होता है. कार्डधारी को हर सप्ताह एक सौ रुपया ही मिलता है.
नाम : गणेश प्रसाद महतो, कार्ड- जेएच-21-003-028-003-21, पंचायत मरिचो, प्रखंड : गोविंदपुर
काम करते हैं राजगंज की एक निजी कंपनी में. इनके नाम पर गोविंदपुर प्रखंड की मरिचो पंचायत के अलावा जमडीहा पंचायत में भी मनरेगा के तहत काम आवंटित हुआ.
दोनों ही स्थानों पर मजदूरी का भुगतान भी हुआ, जबकि नियमत: मनरेगा में किसी मजदूर को उसकी पंचायत में ही काम देना है. श्री महतो का कहना है कि दोनों में से किसी पंचायत में एक दिन भी मजदूरी नहीं की, जबकि सरकारी दस्तावेज के अनुसार उसके खाते में मजदूरी ट्रांसफर हुई है.
नाम : पलटू महतो, कॉर्ड- जेएच -21-003-028-003-22, पंचायत मरिचो, प्रखंड : गोविंदपुर
इनके नाम से जारी जॉब कार्ड में फोटो महिला का लगा है. इनके नाम पर भी कई काम आवंटित हुए हैं. साथ ही मजदूरी का भुगतान भी हुआ है, जबकि पलटू महतो का कहना है कि उन्होंने मनरेगा में कभी काम किया ही नहीं. जॉब कार्ड जरूर बनवाया था, लेकिन उसमें फोटो उनकी मां का लगा है, जिनका निधन कई वर्ष पूर्व हो चुका है.
मनरेगा में जॉबकार्डधारी को काम नहीं दिये जाने का मामला गंभीर है. इसकी जांच करायी जायेगी. जॉब कार्ड को किराया पर देने का कोई प्रावधान नहीं है. अगर किसी कार्डधारी को दूसरे पंचायत में काम दिया गया है, तो संबंधित अधिकारी, कर्मी पर कार्रवाई होगी. दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा.
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