धनबाद : धनबाद सीट में महागठबंधन का कमाल धरातल पर नहीं दिखा. यहां महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के कीर्ति आजाद उतरे थे. लेकिन पूरे चुनाव के दौरान प्रत्याशी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ भी समन्वय स्थापित नहीं हो पाया. कांग्रेस, झामुमो, झाविमो, मासस का यहां महागठबंधन था. वाम दलों ने भी यहां कांग्रेस प्रत्याशी […]
धनबाद : धनबाद सीट में महागठबंधन का कमाल धरातल पर नहीं दिखा. यहां महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के कीर्ति आजाद उतरे थे. लेकिन पूरे चुनाव के दौरान प्रत्याशी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ भी समन्वय स्थापित नहीं हो पाया. कांग्रेस, झामुमो, झाविमो, मासस का यहां महागठबंधन था.
वाम दलों ने भी यहां कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन दिया था. कागज पर यहां विपक्षी दलों का गठबंधन मजबूत लग रहा था. खासकर निरसा, सिंदरी विस क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी खासा मत पाने की उम्मीद पाले हुए थे. लेकिन, किसी भी विस क्षेत्र में विपक्षी दलों के गठबंधन का प्रभाव नहीं दिखा. अधिकांश बूथों पर एजेंट तक नहीं थे. सहयोगी दलों में सिर्फ मासस के ही नेता, कार्यकर्ता सिंदरी, निरसा विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय नजर आये.
अपने ही बूथ पर विधायक नहीं दिला पाये लीड : निरसा विस क्षेत्र का बूथ नंबर 189, जो वहां के विधायक अरूप चटर्जी का गृह बूथ है, में भाजपा को 355 मत मिले. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को सिर्फ 91 वोट ही मिले. मासस ने चुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिया था. श्री चटर्जी क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार अभियान चलाया.
राहुल का रोड शो भी काम नहीं आया : कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी रोड शो करने आये थे. मटकुरिया चेक पोस्ट से जेपी चौक बैंक मोड़ तक रोड शो में जिस तरह लोगों की भीड़ उमड़ी थी. उससे लगा था कि कांग्रेस प्रत्याशी यहां मोर्चा ले सकेंगे.