धनबाद : धनबाद के नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप ने पार्षद निर्मल मुखर्जी के खिलाफ एसएसपी से शिकायत की है. उन्होंने पार्षद पर लेटर पैड का दुरुपयोग कर रंगदारी मांगने के लगे आरोप की जांच करने का आग्रह किया है. दूसरी ओर पार्षद निर्मल मुखर्जी ने रविवार को धनबाद थाना में लिखित शिकायत देकर नगर अायुक्त […]
धनबाद : धनबाद के नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप ने पार्षद निर्मल मुखर्जी के खिलाफ एसएसपी से शिकायत की है. उन्होंने पार्षद पर लेटर पैड का दुरुपयोग कर रंगदारी मांगने के लगे आरोप की जांच करने का आग्रह किया है. दूसरी ओर पार्षद निर्मल मुखर्जी ने रविवार को धनबाद थाना में लिखित शिकायत देकर नगर अायुक्त पर बर्बाद करने की धमकी देने का आरोप लगाया है.
आशंका जतायी है कि कभी भी उन पर जानलेवा हमला हो सकता है या झूठे मुकदमे में फंसाया जा सकता है. इस संबंध में एसएसपी किशोर कौशल ने कहा : नगर आयुक्त व पार्षद दोनों की तरफ से आवेदन मिला है. जांच चल रही है. जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी.
नगर आयुक्त ने एसएसपी से किया कार्रवाई का आग्रह
नगर आयुक्त ने कोई हफ्ते भर पहले ही पार्षद निर्मल मुखर्जी के खिलाफ लेटर पैड का दुरुपयोग कर रंगदारी वसूलने की लिखित शिकायत का हवाला देते हुए एसएसपी से कार्रवाई का आग्रह किया है. शिकायत पत्र में कहा गया है कि बबलू कुमार तिवारी एवं अन्य 22 लोगों ने आवेदन दिया है. आवेदन में लगाये गये आरोप गंभीर किस्म के हैं.
अपने स्तर से आरोप की जांच कर विधि-सम्मत कार्रवाई करें. बताते चलें कि एक माह पूर्व भी नगर निगम की ओर से पार्षद के खिलाफ एसएसपी से लिखित शिकायत की गयी थी.
पार्षद ने जतायी हमले की आशंका
पार्षद निर्मल मुखर्जी ने रविवार को नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप के खिलाफ सदर थाना में लिखित शिकायत की है. कहा गया है कि जनहित एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध पत्राचार करने के कारण नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप एवं अन्य मुझे षडयंत्र कर के, जिस केस में मैं उच्चतम न्यायालय से जमानत पर हूं, उसे आधार बना कर हम पर झूठे मुकदमे दर्ज करने की साजिश रच रहे हैं. मैं स्थायी समिति की जोनल कमेटी का अध्यक्ष एवं तीन बार से पार्षद हूं.
इसी प्रकार अन्य विभाग के प्रति मैं जो भ्रष्टाचार के खिलाफ पत्राचार करते आ रहा हूं, रेलवे सहित उनके अधिकारी वर्ग भी मेरे विरुद्ध साजिश रच रहे हैं. नगर आयुक्त द्वारा मुझे धमकी दी जाती है कि लिखा-पढ़ी बंद नहीं करेंगे तो बर्बाद कर देंगे. इसके पीछे निगम के एक प्रभावशाली जनप्रतिनिधि का भी हाथ है. जिनके विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय झारखंड द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने की सलाह दी गयी है. निगम कार्यालय में हम पर जानलेवा हमला कभी भी कराया जा सकता है या साजिश रच कर झूठे मुकदमे में फंसाया जा सकता है.