धनबाद: नगर निगम के कचरा घोटाला की जांच करने रांची से आयी ऑडिट टीम ने ए टू जेड की सिक्यूरिटी मनी पर कड़ी आपत्ति जतायी है. नगर निगम प्रशासन से पूछा है कि ए टू जेड को काम छोड़े तीन माह हो गये.
एग्रीमेंट के अनुसार उसकी सिक्यूरिटी मनी जब्त होनी चाहिए. आखिर क्या कारण है कि अब तक ए टू जेड की सिक्यूरिटी मनी जब्त नहीं की गयी. ऑडिट ऑब्जेशन के बाद नगर निगम प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में सिक्यूरिटी मनी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की. शुक्रवार को निगम का पूरा महकमा सिक्यूरिटी मनी जब्त करने की प्रक्रिया में लगा रहा.
डिप्टी मेयर नीरज सिंह ने शुक्रवार को उस फाइल पर हस्ताक्षर कर मेयर के पास अग्रसारित कर दिया है. मेयर के हस्ताक्षर के बाद ए टू जेड की सिक्यूरिटी मनी जब्त कर ली जायेगी. निगम सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन नगर आयुक्त बाल मुकुंद झा ए टू जेड की सिक्यूरिटी मनी जब्त करना चाहते थे. इसी बीच विधायक समरेश सिंह के हंगामा के बाद लंबी छुट्टी पर चले गये. निगम की एक लॉबी ए टू जेड को पुन: नगर निगम में इंट्री कराने के लिए एड़ी चोटी एक करती रही. टीम में आलोक कुमार तपस्वी व बंधु उरांव थे.