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रेलवे ट्रैक पर बढ़ेगा पानी तो इंजीनियर के पास पहुंचेगा मैसेज
धनबाद : मॉनसून में रेल सेवा बाधित न हो, इसके लिए इसीआर ने खास व्यवस्था की है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पुलों व रेलवे ट्रैक जहां पर नदी व बारिश का पानी जमा हो जाता है, वहां पर पर एक वाटर लेवलिंग यंत्र लगाया जायेगा. पानी जब उस पुल व ट्रैक पर खतरे के निशान के […]
धनबाद : मॉनसून में रेल सेवा बाधित न हो, इसके लिए इसीआर ने खास व्यवस्था की है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पुलों व रेलवे ट्रैक जहां पर नदी व बारिश का पानी जमा हो जाता है, वहां पर पर एक वाटर लेवलिंग यंत्र लगाया जायेगा. पानी जब उस पुल व ट्रैक पर खतरे के निशान के पास पहुंचने वाला होगा, उसके पहले यह यंत्र एक ऑटोमैटिक एसएमएस संबंधित क्षेत्र के इंजीनियर को भेजेगा, इसके उपरांत रेल प्रशासन द्वारा सुरक्षित रेल परिचालन के लिए तत्काल कदम उठाया जायेगा.
रात में पेट्रोलिंग करेंगे कर्मी : इसके साथ ही पूरे मॉनसून दौरान रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए चलाये जाने वाले सामान्य पेट्रोलिंग के साथ ही ‘मानसून पेट्रोलिंग‘ की विशेष व्यवस्था की जा रही है जो रात के 11.00 बजे से लेकर सुबह 05.00 बजे तक की जायेगी. बाढ़ की अद्यतन स्थिति से अपडेट रहने के लिए राज्य सरकार के आपदा नियंत्रण कार्यालय से समन्वय स्थापित किया जा रहा है.
मौसम की जानकारी के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है. बाढ़ की आपात स्थिति से निबटने के लिए पूर्व मध्य रेल द्वारा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बोल्डर, स्टोन डस्ट, सीमेंट की खाली बोरियां, बांस–बल्ली आदि की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की जा रही है.
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