धनबाद : पीएमसीएच में इलाजरत केंदुआ की एक चार साल की बच्ची को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. बच्ची के मां-पिता नहीं हैं. चाचा जीत कुमार राम बच्ची का पालन-पोषण कर रहे थे. परिजनों का कहना था कि मृत कहने के बाद जब वे घर लौट रहे थे तो उस दौरान बच्ची हाथ-पैर हिला रही थी. सांस ले रही थी. इस पर बहस होने लगी और मरीजों के परिजनों ने रेसिडेंट डॉक्टर उपेंद्र उरांव को तमाचा जड़ दिया और गाली-गलौज करने लगे. खबर मिलते ही मेडिकल कॉलेज से बड़ी संख्या में छात्र पहुंच गये और मृतक बच्ची के चाचा, दादा व साथ आये लोगों की पिटाई शुरू कर दी. इमरजेंसी के बाहर अफरातफरी मच गयी. सरायढेला थाना व 100 डायल पर सूचना दी गयी.
पुलिस कंट्रोल रूम के वाहन के साथ सरायढेला थानेदार निरंजन तिवारी खुद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. मृतका के परिजनों को मेडिकल छात्रों के बीच से छुड़ाकर पुलिस गाड़ी में बैठाया.
बिना परमिशन लाठी चार्ज किया
थानेदार से धक्का-मुक्की कांस्टेबल का बैज नोचा
छात्रों से शांत रहने व हॉस्टल जाने को कहा जाने लगा. लेकिन छात्रों का दल पुलिस गाड़ी से मृतका के चाचा व दादा को खींचने लगा. पुलिस गाड़ी को जवानों ने घेर रखा था लेकिन 100 से अधिक छात्रों के आगे पुलिस कमजोर पड़ रही थी. गुस्साये छात्रों ने पुलिस गाड़ी का गेट जबरन खोलने की कोशिश की. पुलिस वालों ने ढकेल कर छात्रों को पीछे करना चाहा तो वे लोग गाड़ी पलटने की कोशिश करने लगे. सरायढेला थानेदार निरंजन तिवारी ने छात्रों को फटकारा तो वे लोग भिड़ गये. थानेदार को ही ढकेल पुलिस वाहन से मरीज के परिजनों को खींचने लगे. कांस्टेबल संजीत मंडल के साथ मारपीट कर वरदी से पुलिस का बैज नोच दिया. जमीन पर पटक दिया. छात्रों को अनियंत्रित होते देख पुलिस वालों ने लाठी चलानी शुरू कर दी. जमकर लाठियां चलायी. लाठी चार्ज होते ही छात्र भागने लगे. कई छात्र जमीन पर गिर गये. गुस्साये पुलिस वालों ने छात्रों की जमकर पिटाई की.