प्रतिनिधि, जसीडीह. जसीडीह के सुजानी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में जिला उद्यान विभाग की ओर से दिये जा रहे पांच दिवसीय प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को हुआ. प्रशिक्षण में चयनित 12 कृषि सखी व समुदाय संसाधन व्यक्तियों ने हिस्सा लिया था. इस दौरान जिला उद्यान पदाधिकारी यशराज व वरीय वैज्ञानिक सह केवीके प्रमुख डॉ राजन ओझा ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरण किया. जिला उद्यान पदाधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों व ग्रामीण समुदाय को प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों, तकनीकी और इसके व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी देना था. ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में टिकाऊ, कम लागत व पर्यावरण अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दे सकें. प्राकृतिक खेती आज की आवश्यकता है, जो न सिर्फ मिट्टी के स्वास्थ्य को सुदृढ़ करती हैं. बल्कि किसानों की उत्पादन लागत को भी घटाती हैं. इस दौरान प्रशिक्षणार्थियों से ज्ञान को ग्रामीण स्तर पर प्रसारित करने का सलाह दी. डॉ राजन ओझा ने कहा कि कृषि सखियां व समुदाय संसाधन व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं कीट प्रबंधन, पशुपालन एकीकरण और जलवायु अनुकूल कृषि पर आधारित विचार रखा. इसके बाद प्रशिक्षणार्थियों ने संकल्प लिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को अपनाने व प्रचारित करने का कार्य करेंगे. इस मौके पर वैज्ञानिक डॉ विवेक कश्यप, डॉ पूनम सोरेन शओंन चक्रवर्ती आदि मौजूद थे.
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