मधुपुर. शहरी क्षेत्र के कई मोहल्लों में तेजी से जल स्तर गिरते जा रहा है. इसके कारण ड्राइजोन का इलाका बढ़ते जा रहा है. पहले से ही पत्थरचपटी, नया बाजार, केलाबगान का इलाका ड्राइजोन के रूप में चिह्नित है. इन इलाके में रहने वाले लोग सालों भर जल संकट से जुझते हैं. बताया जाता है कि कई नामचीन लोगों का मकान भी ड्राइजोन इलाके में है. समस्या समाधान के लिए मधुपुर करीब 90 करोड़ की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना पर काम चल रहा है. हालांकि यह भी तय समय पर चालू नहीं हो पाया है. इनदिनों शहर के बावनबीघा, मचवाटांड़, सपहा इलाका में जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है, जिसके कारण यह इलाका भी ड्राइजोन के रूप में तब्दील हो रहा है. इन इलाकों में करोड़ों में खरीदी गयी जमीन में पानी नहीं मिल रहा है. बावनबीघा इलाके में दर्जनों बोरिंग फेल हो चुके हैं. जानकार बताते हैं इस इलाके में जमीन की काफी ऊंचे दामों पर खरीद बिक्री होती है. अब चोरी छिपे डीप बोरिंग किया जा रहा है, जिसके कारण आसपास का जलस्तर और तेजी से नीचे जा रहा है. बावनबीघा के अलावा शहरी क्षेत्र के कई मोहल्ले ड्राइव जोन में बदल रहे हैं. गर्मी के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है. यह संकट जलवायु परिवर्तन, जल स्रोतों के अत्यधिक दोहन और अपर्याप्त वर्षा के कारण उत्पन्न होता है. शहरी क्षेत्र का अधिकांश कूप भी बेकार हो गया है. जल संरक्षण की प्रक्रिया बाधित होने के कारण भी इलाका ड्राइजोन में बदलने लगा है. समय रहते जल संरक्षण की दिशा में सजग होना होगा अन्यथा पानी के लिए लोगों को काफी परेशानी हो सकती है.
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