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कैसे पानी बचाना है? देवघर के सत्संग आश्रम ने बतायी तरकीब, अब मिलेगा प्रथम पुरस्कार

Jharkhand news, Deoghar news : देवघर के सत्संग आश्रम ने पूरे देश में देवघर का नाम रोशन किया है. सत्संग आश्रम को भारत सरकार के जल मंत्रालय की ओर से जल संरक्षण के क्षेत्र में शानदार कार्य करने पर बेस्ट धार्मिक संस्था के रूप में चयनित किया गया है. उन्हें राष्ट्रीय जल पुरस्कार -2019 के बेस्ट प्राइज से नवाजा गया है. इसकी सूचना भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अधीन कार्यरत वापकोस लिमिटेड की ओर से दीपेंद्र लांबा ने दी है.

Jharkhand news, Deoghar news : देवघर (दिनकर ज्योति) : देवघर के सत्संग आश्रम ने पूरे देश में देवघर का नाम रोशन किया है. सत्संग आश्रम को भारत सरकार के जल मंत्रालय की ओर से जल संरक्षण के क्षेत्र में शानदार कार्य करने पर बेस्ट धार्मिक संस्था के रूप में चयनित किया गया है. उन्हें राष्ट्रीय जल पुरस्कार -2019 के बेस्ट प्राइज से नवाजा गया है. इसकी सूचना भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अधीन कार्यरत वापकोस लिमिटेड की ओर से दीपेंद्र लांबा ने दी है.

श्री लांबा ने सत्संग के आधिकारिक वेबसाइट पर लिखित सूचना भेजी है. इस संबंध में ब्रज सुंदर साहू ने बताया कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर बुधवार को सत्संग आश्रम को जल संरक्षण के लिए नेशनल वाटर अवॉर्ड -2019 के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित करने की लिखित सूचना आयी है. सत्संग आश्रम से [email protected] में 2 नवंबर, 2020 से पहले ईमेल के माध्यम से 10 सेकेंड तक के रिकॉर्डिंग संदेश मांगा है.

जल संरक्षण में बहुत कार्य हुआ

श्री साहू ने कहा कि सत्संग आश्रम में जल संरक्षण के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है. पूरे सत्संग नगर क्षेत्र में एक भी बूंद पानी बर्बाद नहीं होता है. यहां उपयोग में आये पानी को भी दोबारा उपयोग में लाया जाता है. इतना ही नहीं, बारिश के एक- एक बूंद पानी को भी जमीन के अंदर प्रवेश कराया जाता है, ताकि सही रूप में जल संरक्षित हो सके.

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पूरे सत्संग नगर के हर मकान के छत से पाइप के माध्यम से बारिश के पानी को संरक्षित करते हुए जमीन के अंदर प्रवेश कराया गया है. यही वजह है कि कभी ड्राई जोन एरिया में शामिल सत्संग नगर में अब जल की कमी नहीं है. यहां का जल स्तर काफी ऊंचा हो चुका है. अब गर्मी महीने में भी कुआं एवं चापाकल में पानी मौजूद रहता है. लोगों को पानी की किल्लत नहीं होती है.

बता दें कि अनुकूल चंद्र द्वारा स्थापित सत्संग आश्रम देवघर के दक्षिण- पश्चिम में भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान है. ठाकुर अनुकुलचंद्र का जन्म 14 सितंबर, 1888 को हुआ था. अनुकुलचंद्र ने पब्ना में आश्रम की स्थापना की (बाद में इसे सत्संग नाम दिया गया). आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए देवघर में 1946 में एक नया आश्रम स्थापित किया गया था. देवघर का सत्संग आश्रम समाज में सभी वर्गों के लोगों के लिए आकर्षण का एक प्रमुख स्थान बन गया है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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