संवाददाता, देवघर : कृषि विभाग के अधीन भूमि संरक्षण कार्यालय से वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 107 डीप बोरिंग की स्वीकृति हुई थी, लेकिन विभाग 25 डीप बोरिंग ही करा पाया है. शेष 82 डीप बोरिंग समय पर नहीं होने से ढाई करोड़ रुपये विभाग को सरेंडर हो गये. कुल 107 डिप बोरिंग के लिए विभाग ने 3.22 करोड़ रुपये मुहैया कराया था. बोरिंग नहीं होने से चयनित किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस योजना के तहत प्रति डीप बोरिंग में 3.15 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान है, जिसमें डीप बोरिंग कर समरसेबुल व जेनरेटर मुहैया कराने का प्रावधान है. किसानों का चयन वर्ष 2024 में स्थानीय विधायकों की अनुशंसा पर की गयी है. विभागीय कागजी प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है. अगर बोरिंग समय पर हो जाती, तो किसानाें को जेनरेटर मिल जाता है व किसान सिंचाई कर पाते. फंड के अभाव में अब 82 डीप बोरिंग का काम रुक गया है. भूमि संरक्षण कार्यालय ने विभाग को फंड मुहैया कराने का आग्रह किया है. इस योजना में प्रति डिप बोरिंग में करीब पांच एकड़ भूमि की सिंचाई किया जा सकता है.
…………………वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 107 डीप बोरिंग की स्वीकृति हुई थी, इसमें 25 डीप बोरिंग करा ली गयी है. 31 मार्च को प्राप्त राशि ढाई करोड़ रुपये सरेंडर हो जाने की वजह से शेष 82 डीप बोरिंग नहीं पाया है. फंड का डिमांड विभाग गया है. फंड जून में प्राप्त होने की संभावना है. फंड प्राप्त होते ही डीप बोरिंग करा दी जायेगी.
– संजय चौधरी, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, देवघर
हाइलाइट्स
विभाग ने 3.22 करोड़ दिया था, समय पर नहीं हो पायी बोरिंग
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