मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह संधु पाश, हिन्दी के प्रख्यात लेखक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र व श्यामलाल गुप्त की जयंती पर उन्हें याद किया गया. उपस्थित लोगों ने विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. मौके पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि अवतार सिंह पाश एक क्रांतिकारी कवि थे. पंजाब के सर्वाधिक महत्वपूर्ण कवि रहे है. उनकी चार कविता संग्रह में करीब दो से अधिक कविताएं प्रकाशित हुई है. जो बंगला, मराठी, तेलुगु, मलयालम, अंग्रेजी सहित हिन्दी में अनूदित हुई है, जिसमें हिन्दी में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुई और संघर्षरत लोगों के प्रेरणास्रोत बनी रही. श्याम लाल गुप्ता ने विजई विश्व तिरंगा प्यारा कविता से काफी प्रसिद्ध पायी. उन्होंने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र नवजागरण के अग्रदूत व आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रवर्तक थे. वे हिंदी भाषा व साहित्य के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत थे. उन्होंने साहित्य के माध्यम से जनता में चेतना का संचार किया और देशवासियों को स्वदेश व स्वसंस्कृति का पुनरुत्थान करने की प्रेरणा दी. वे अन्याय व शोषण के विरोधी थे. उनका साहित्य केवल राजनीतिक स्वाधीनता के लिए न होकर मानव की एकता, समता, भाईचारे का साहित्य था. उन्होंने आधुनिक साहित्यिक विधाओं प्रवृत्तियों जन्म देकर हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाया. उन्होंने निबंध, नाटक, लेखन व मंचन की शुरुआत की. उन्होंने मात्र 35 वर्ष अल्पायु में 75 से अधिक ग्रंथों की रचना साहित्य की सभी विधाओं में कर हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया.
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