विधि संवाददाता, देवघर : झारखंड मुक्ति मोर्चा के तत्वावधान में समाहरणालय गेट के निकट सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड लागू करने के पश्चात ही जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर धरना दिया गया. इसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों से हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने अपनी भागीदारी दिखायी. इसमें महिलाओं की संख्या भी काफी रही. कार्यकर्ता पारंपरिक तरीके से तीर-धनुष लेकर धरना स्थल पर पहुंचे और एकजुटता दिखायी. दर्जनों कार्यकर्ता नगाड़े लेकर पहुंचे थे और भाषण के दौरान नगाड़े की ध्वनि से कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे थे. धरना में मुख्य अतिथि सारठ विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह ने कहा कि भाजपानीत केंद्र सरकार जब तक सरना धर्म कोड /आदिवासी धर्म कोड लागू लागू नहीं करती है, जातिगत जनगणना करना आदिवासियों के हित के विरुद्ध होगा. सरना धर्म कोड आदिवासियों की पहचान है, जिसका अस्तित्व केंद्र सरकार खत्म करना चाहती है. केंद्र सरकार को यह सरना धर्म कोड लागू करना ही होगा. अगर सरकार इस दिशा में पहल नहीं करती है, तो आंदोलन की गति तेज होगी. केंद्रीय समिति के सदस्य परिमल सिंह उर्फ भूपेन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना कराने का आदेश जारी कर दी है, लेकिन सरना धर्म कोड को लागू नहीं की है, जो सही नहीं है. राज्य सरकार विधान सभा से इसे पारित कर केंद्र सरकार को आज से पांच साल पहले ही भेज चुकी है, लेकिन इस पर किसी प्रकार का फैसला नहीं लिया गया है. इससे आदिवासियों में काफी आक्रोश है. जिलाध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि आदिवासियों पर हर प्रकार के अत्याचार देश में हो रहे हैं, लेकिन केंद्र की सरकार मौन है. सरना धर्म कोड आदिवासियों की पहचान है, केंद्र सरकार पहले इसे लागू करे, पश्चात जातिगत जनगणना कराये. धरना के माध्यम के झामुमो कार्यकर्ताओं का शिष्टमंडल डीसी से मिला तथा राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर झामुमो महानगर अध्यक्ष सुरेश साह, जिला सचिव दिनेश किस्कू, सुनील कुमार चौरसिया, गोविंद रमानी, रहमान अंसारी, श्यामकांत झा, महेंद्र यादव, कृष्णानंद वर्मा, उमेश कुमार अग्रवाल, नीलम देवी, अरुण शर्मा समेत अन्य मौजूद थे. हाइलाइट्स हजारों की संख्या में लोगों ने दिखायी भागीदारी, नगाड़े व तीर धनुष लेकर पहुंचे थे कार्यकर्ता राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपा, केंद्र सरकार के प्रति जताया आक्रोश
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