विधि संवाददाता, देवघर . न्यायिक दंडाधिकारी बंकिम चंद्र चटर्जी की अदालत में चल रहे जीआर केस की सुनवाई की गयी, जिसके बाद नामजद आरोपित धीरज राय उर्फ धीरज कुमार राय को दोषी पाकर तीन वर्ष की सश्रम सजा सुनायी गयी, साथ ही तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माने की राशि भुगतान नहीं करने पर अलग से दो माह की कैद की सजा काटनी होगी. सजा पाने वाला अभियुक्त सारवां थाना के सिरसिया गांव का रहने वाला है और इसके विरुद्ध सतीश मंडल के बयान पर सारवां थाना में 27 दिसंबर 2020 को मुकदमा दर्ज हुआ था. इसमें मनरेगा योजना में मजदूरों की जगह मशीन से कार्य कराने और मजदूरों के नाम पर राशि गबन करने का आरोप लगाया गया था. इसका खुलासा सरकारी अधिकारी की जांच के दौरान हुआ व सरकारी प्रावधानों के विरुद्ध कार्य को सही पकार एफआइआर दर्ज हुआ था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से छह लोगों ने गवाही दी व दोष सिद्ध करने में कामयाब रहा. आरोपित को सरकारी आदेश उल्लंघन करने, मजदूरों की राशि गबन करने समेत अन्य आरोपों में दोषी पाया व अलग-अलग सजा सुनायी. गयी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. अदालत में अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस सुनी, जिसके बाद आरोपित को दोषी पाकर उपरोक्त सजा सुनायी गयी. इस मामले में चार साल के बाद फैसला आया. जिसे मिली सजा -धीरज राय उर्फ धीरज कुमार राय, सिरसिया, सारवां, देवघर.
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