संवाददाता, देवघर . देवघर एम्स में नवजात आईसीयू में अब कुल आठ बेड की सुविधा होगी. पहले चार बेड की सुविधा थी, जिसे बढ़ाकर आठ बेड कर दी गयी है. साथ ही एनआइसीयू के लिए चार नये डॉक्टरों की नियुक्ति भी की गयी है. एआइसीयू की यह सुविधा बढ़ने से जन्म के तुरंत बाद गंभीर स्थिति वाले शिशुओं को आधुनिक देखभाल मिल सकेगी.
इस यूनिट में वेंटिलेटर सपोर्ट, सी-पैप मशीन, हृदय और श्वसन मॉनिटरिंग सिस्टम, मल्टी-पैरामीटर मॉनिटर, फोटोथैरेपी यूनिट, इनफ्यूजन पंप, हाइ-फ्लो ऑक्सीजन थेरेपी जैसी सुविधाएं उपलब्ध है. यहां नवजात विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ-साथ विशेष नर्सिंग स्टाफ की तैनाती की गयी है, जो 24 घंटे शिशुओं की देखभाल करते हैं. देश के अन्य प्रमुख एम्स जैसे दिल्ली, भुवनेश्वर और जोधपुर में पहले से संचालित नवजात आइसीयू की तर्ज पर ही देवघर एम्स का यह केंद्र तैयार किया गया है, यहां राष्ट्रीय स्तर पर तय मानकों के अनुसार आधुनिक उपकरण है. नवजात आईसीयू में उन शिशुओं को रखा जाता है, जो समय से पहले जन्म लेते हैं, बेहद कम वजन के होते हैं या फिर जिन्हें सांस लेने में कठिनाई, संक्रमण, पीलिया, जन्मजात विकार या हृदय व फेफड़े से जुड़ी समस्या होती है.क्या कहते है निदेशक
एनआइसीयू आधुनिक जीवनरक्षक तकनीक से लैस है. चार बेड बढ़ने से अधिक बच्चों का इलाज हो पायेगा. चार नये डॉक्टरों की नियुक्ति से यूनिट की विशेषज्ञता और मजबूत हो गयी है. इस सुविधा से समय पर उपचार मिलने से इस इलाके में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में बड़ी कमी आयी है. यह कदम न केवल शिशुओं की जिंदगी बचाने में अहम होगा बल्कि क्षेत्रीय परिवारों के लिए भी बड़ी राहत साबित हो रहा है.डॉ सौरभ वार्ष्णेय, एम्स के निदेशक
॰नवजातों के लिए होगा आधुनिक जीवन रक्षक सुविधा केंद्रडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

