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देवघर : जनता का पुलिस पर कम हो रहा विश्वास, कोर्ट जा कर करते हैं केस

कोर्ट में केस दर्ज कराने में अधिक परेशानी का सामना लोगों को नहीं करना पड़ता है. सहज तरीके से किसी भी अधिवक्ता के समक्ष अपनी फरियाद लोग रखते हैं और परिवाद की अर्जी ड्राफ्टिंग कराने के बाद शपथ पक्ष के साथ कोर्ट में दाखिल करते हैं.

देवघर : जनवरी 2023 से लेकर नवंबर 2023 तक देवघर अनुमंडल क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न थाना क्षेत्रों में हुई वारदातों को लेकर दर्ज मुकदमों का ग्राफ 4,582 तक पहुंच गया है. 11 थाना क्षेत्रों के अंतर्गत रहने वाले लोगों ने पुलिस स्टेशन की तुलना में न्यायालय में अपनी फरियाद ज्यादा दर्ज करायी है. 11 माह की अवधि में 11 थाना क्षेत्र में कुल 2210 केस दर्ज किये गये हैं, जबकि सीजेएम व स्पेशल कोर्ट में 2372 लोगों ने केस दाखिल कर न्याय की गुहार लगायी हैं. आंकड़े बता रहे हैं कि लोग थाना जाने से कतरा रहे हैं और न्यायालय पर भरोसा बढ़ा है. कोर्ट में होने वाले केस थाने में दर्ज मामले से काफी आगे निकल चुके हैं. विभिन्न थानाें में दर्ज केस से 162 अधिक कोर्ट में दाखिल हुए हैं.


कोर्ट में क्यों दर्ज हो रहे हैं अधिक केस

विधि जानकारों के अनुसार, कोर्ट में केस दर्ज कराने में अधिक परेशानी का सामना लोगों को नहीं करना पड़ता है. सहज तरीके से किसी भी अधिवक्ता के समक्ष अपनी फरियाद लोग रखते हैं और परिवाद की अर्जी ड्राफ्टिंग कराने के बाद शपथ पक्ष के साथ कोर्ट में दाखिल करते हैं. विशेष न्यायालय में दलित प्रताड़ना, आइटी एक्ट व पॉक्सो एक्ट का केस दाखिल कर न्याय की गुहार लगाते हैं. कोर्ट परिसर में एक ही दिन आकर अर्जी दाखिल कर डालते हैं. वहीं, थाने में लोगों को कई बार चक्कर लगाने की नौबत आती है. काफी मशक्कत के बाद ही केस दर्ज किया जाता है, जिस कारण से थाना जाने से लोग कतराते हैं. कोर्ट में दाखिल मामलों में इस बात का उल्लेख होता है कि थाने में उनकी बातें नहीं सुनी गयी. कोर्ट में फाइलिंग सेक्शन बना हुआ है, जहां पर समय सीमा निर्धारित है. उक्त समय सीमा के अंतर्गत ही केस दाखिल करने का प्रावधान है. किसी भी प्रकार की घटना को लेकर अगर एक पक्ष थाने में एफआइआर दर्ज कराने पहुंच जाता है, तो दूसरा पक्षकार भी थाना पहुंचता है. जिन पक्षकारों की फरियाद थाने में दर्ज नहीं होती है, वह कोर्ट कोर्ट में केस दाखिल करता है. इस प्रकार से केस एवं काउंटर केस के तौर पर केस दर्ज होने से आंकड़े अधिक हो रहे हैं. थाने में दर्ज एफआइआर को हर माह के आंकड़ों में देखने पर स्पष्ट है कि 11 माह में 2200 से अधिक केस दर्ज हुए हैं.

सबसे अधिक एफआइआर नगर थाने में दर्ज

आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक आपराधिक वारदात देवघर नगर थाना क्षेत्र में हुए हैं. नगर थाना क्षेत्र में दर्ज केस का ग्राफ 668 तक पहुंच गया है. दूसरे स्थान पर जसीडीह थाना का एरिया आता है. इस थाने में नवंबर माह तक 419 केस दर्ज किये गये हैं. तीसरे स्थान पर मोहनपुर है, जहां पर 261 एफआइआर दर्ज हुआ है. चाैथे स्थान पर रिखिया, जहां पर 212, पांचवे स्थान पर कुंडा, जहां पर 202, छठे स्थान पर देवीपुर, जहां पर 155, सातवें स्थान पर सारवां, जहां पर 130 , आठवें स्थान पर साइबार थाना जहां पर 47, नौवें स्थान पर महिला थाना देवघर, जहां पर 24 एफआइआर दर्ज हुआ है. सबसे कम आठ केस बाबा बैद्यनाथ मंदिर थाने में दर्ज हुएं हैं.

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