मधुपुर. शहर के भेड़वा नवाडीह स्थित इंस्पायर क्लासेस परिसर में बुधवार को डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती समारोहपूर्वक मनायी गयी. इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक भूमन्यु सौरव ने कहा कि भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम केवल एक नाम नहीं हैं, बल्कि एक विचारधारा थे. ऐसी विचारधारा जो हर युवा को यह सिखाती है कि सपना देखने से पहले खुद पर विश्वास करना जरूरी है. उन्होंने अपने जीवन से यह सिद्ध कर दिया कि यदि मन में दृढ़ निश्चय व हृदय में सच्ची लगन हो तो सीमित संसाधन भी सफलता के मार्ग में बाधा नहीं बनते. रामेश्वरम की एक साधारण गली से निकलकर देश के मिसाइल मैन और फिर भारत के राष्ट्रपति बनने तक का उनका सफर इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत व ईमानदारी से हर सपना पूरा किया जा सकता है. डॉ. कलाम का जीवन हमें यह सिखाता है कि शिक्षा केवल परीक्षा पास करने का साधन नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण का सबसे बड़ा आधार है. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को तकनीक तथा सामरिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जो योगदान दिया उसे देश कभी भुला नहीं पायेगा. अग्नि व पृथ्वी मिसाइलों का विकास करना, उनसे मिली सबसे बड़ी भेंटों में से एक है. कलाम रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) दोनों में शीर्ष शोधकर्ता के रूप में में सेवा दे चुके है. मौके पर दर्जनों छात्र मौजूद थे. हाइलाइर्ट्स : एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित
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