श्रीराम कथा. भगवान राम के वनगमन के उद्देश्यों का किया वर्णन
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भक्तों को चौदह प्रकार के दर्शन देने श्रीराम वन गये : उज्ज्वल शांडिल्य
श्रीराम कथा. भगवान राम के वनगमन के उद्देश्यों का किया वर्णन श्रीराम कथा के सातवें दिन राम वनगमन प्रसंग की व्याख्या की. भगवान राम के वन जाने के पीछे के रहस्य भी बताये. कहा कि राम नाम से बड़ा कोई धन नहीं है. आलस्य व लोभ त्याग कर भजन करें. सारठ : कुम्हराबांधी सारठ में […]
श्रीराम कथा के सातवें दिन राम वनगमन प्रसंग की व्याख्या की. भगवान राम के वन जाने के पीछे के रहस्य भी बताये. कहा कि राम नाम से बड़ा कोई धन नहीं है. आलस्य व लोभ त्याग कर भजन करें.
सारठ : कुम्हराबांधी सारठ में आयोजित रामकथा के सातवें दिन प्रसिद्ध कथावाचक उज्जवल शांडिल्य जी महाराज ने भगवान राम के वनगमन प्रसंग की कथा सुनायी. कहा कि प्रभु श्रीराम भक्तों को चौदह प्रकार का दर्शन देने के लिए ही वन को गये थे. प्रभु श्रीराम की वनवास की कथा पर कहा कि श्रीराम को सीता माता ने सिंह के रूप मे देखा था और सिंह का निवास राजमहल नहीं होता बल्कि वन में होता है, इसलिए राम जी विवाह के बाद वन गये. वो प्राणी धन्य हैं
जो प्रभु श्रीराम का भजन करते हैं. जो अपने जीवन में रामजी का भजन नहीं करते, उसे जीवन से कोई लाभ नहीं है. कथावाचक ने कहा कि आज का व्यक्ति व्यापारी बन गया है. मनुष्य को हर काम में लाभ चाहिए और जिसमें अधिक लाभ है वो काम नहीं करता है. राम-नाम से बड़ा कोई धन नहीं है. इस धन को कमाने के लिए मनुष्य को आलस्य व लोभ त्याग कर राम नाम लेना चाहिए.
कथा से पूर्व कृषिमंत्री रंधीर सिंह एवं उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह ने भगवान की आरती व वंदन किया. मंच का संचालन चंदन राय एवं सीपी भाई ने किया. मौके पर मुख्य रूप से गुलशन कुमार, रणवीर सिंह, शेखर कुमार सिंह, अजित तिवारी, गगन दीपक, विनय तिवारी, कृपाल दुबे, चिंकू समेत कई लोग थे.
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