वर्ष 2008 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबु सोरेन ने सोनारायठाढ़ी में अस्पताल निर्माण का शिलान्यास किया था. लेकिन आठ साल बीतने के बाद भी अबतक अस्पताल निर्माण के लिए एक ईंट तक नहीं लगायी जा सकी है. ईंट लगाना ताे दूर भवन निर्माण की खुदाई तक आरंभ नहीं की गई है. शिलान्यास के समय स्थल पर लगा सुचना पट भी अब तक गायब भी हो चुका है.
Advertisement
आठ साल में भी नहीं खोदी जा सकी अस्पताल की नींव
सोनारायठाढ़ी: देवघर जिला में सोनारायठाढ़ी प्रखंड आज भी विकास योजनाओं की धीमी गति के कारण उपेक्षित है. स्थापना के एक दशक बीत जाने के बाद भी प्रखंड एक अस्पताल का नहीं होना यह बताता है कि प्रखंड वासियों की जरूरत व उन्हें इलाज की बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में जनप्रतिनिधि व प्रशासन उदासीन बना हुआ […]
सोनारायठाढ़ी: देवघर जिला में सोनारायठाढ़ी प्रखंड आज भी विकास योजनाओं की धीमी गति के कारण उपेक्षित है. स्थापना के एक दशक बीत जाने के बाद भी प्रखंड एक अस्पताल का नहीं होना यह बताता है कि प्रखंड वासियों की जरूरत व उन्हें इलाज की बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में जनप्रतिनिधि व प्रशासन उदासीन बना हुआ है.
झोलाछाप चिकित्सकों पर टिकी व्यवस्था
प्रखंड में अस्पताल नहीं रहने के कारण लगभग 80 हजार की आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम है. छोटी बीमारियों में भी मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे इलाज पर निर्भर हैं. इससे प्रखंड में झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी है.
निजी क्लिनिक हों या दवा दुकानें कई जगह झोलाछाप डॉक्टर बोर्ड लगाकर बैठे हैं. कई बार जब इनसे स्थिति नहीं संभलती है तो ये मरीजों को बरगला कर रेफर कर देते हैं. कई बार तो बाहर ले जाने के क्रम में मरीज की जान भी चली जाती है.
प्रखंड में एंबुलेंस की भी सुविधा नहीं
सोनारायठाढ़ी प्रखंड में मरीजों को इलाज के लिए बाहर ले जाने के लिए एक भी एंबुलेंस नहीं है. कई बार सड़क दुर्घटना या किसी गंभीर मामलों में मरीज को ले जाने के लिए वाहन मिलना मुश्किल हो जाता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement