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बिलासी टाउन के नौ कठ्ठा भू-दान के दस्तावेज में हेरफेर

पिता ने भू-दान कमेटी को दान में दी जमीन, पुत्र ने लिया वापस 1964 में पिता ने भू-दान महायज्ञ कमेटी को जमीन दिया दान 2008 में पुन: सीओ ने पुत्र के नाम से लगान वसूली का जारी कर दिया आदेश देवघर : भू-दान कार्यालय से जमीन के दस्तावेजों की चोरी का राज परत दर परत […]

पिता ने भू-दान कमेटी को दान में दी जमीन, पुत्र ने लिया वापस

1964 में पिता ने भू-दान महायज्ञ कमेटी को जमीन दिया दान
2008 में पुन: सीओ ने पुत्र के नाम से लगान वसूली का जारी कर दिया आदेश
देवघर : भू-दान कार्यालय से जमीन के दस्तावेजों की चोरी का राज परत दर परत खुलता जा रहा है. भू-दान महायज्ञ कमेटी में कई भू-स्वामियों ने स्वेच्छा से जमीन दान कर दी थी. ताकि गरीबों व भूमिहीनों को जमीन मुहैया करायी जा सके. लेकिन कई ऐसे भू-खंड है जिनके पूर्वजों ने भू-दान महायज्ञ कमेटी को जमीन दान में दी थी, लेकिन बाद में अवैध ढंग से उनके वंशजों द्वारा उक्त जमीन को वापस हथियाने के दाव-पेच लगाया. कई वंशज तो इस दाव-पेच में सफल भी हो गये.
इसमें भू-दान कार्यालय से लेकर अंचल कार्यालय की भूमिक भी संदेह के घेरे में है. देवघर अंचल नीलकुंठपुर मौजा स्थित बिलासी टाउन में 1964 में एक व्यक्ति ने अपनी खरीदी हुई 10 कठ्ठा जमीन भू-दान महायज्ञ कमेटी को दान कर दी. डीसीएलआर कोर्ट ने 1964 में भी उक्त जमीन को भू-दान महायज्ञ कमेटी में दान देने की पुष्टि की है. भू-दान महायज्ञ कमेटी ने 1973 में इसमें एक कठ्ठा जमीन एक अन्य भूमिहीन महिला के नाम से बंदोबस्त कर दी. अनुमंडल कोर्ट से इस एक कठ्ठा भूमि को 78-79 में उक्त भूमिहीन महिला के नाम से नामांतरण भी हुआ, इस मामले में सीओ द्वारा जो रिपाेर्ट सौंपी गयी है,
उसमें राजस्व विविध वाद में बिहार सरकार कहकर दर्ज है. लेकिन 2008 में 10 कठ्ठा जमीन दान देने वाले भू-स्वामी के पुत्र ने पुन: उक्त जमीन को वापस लेने का प्रयास किया. तत्कालीन सीओ द्वारा भू-दान कमेटी में दान दिये गये उक्त भूमि में से नौ कठ्ठा जमीन को जमीन दाता के पुत्र के नाम से लगान रसीद कटाने के साथ-साथ पंजी-टु पुन: वही जमाबंदी पुनरूजीवित करने का निर्देश हल्का कर्मचारी को जारी कर दिया. बताया जाता है
जमीन दाता के वंशज ने उस जमीन को बेचने के लिए एक भू-माफिया को पावर ऑफ अटर्नी भी दिया, उस समय उक्त जमीन की एनओसी भी निकल गयी. इसी क्रम में भूमि घोटाले की जांच शुरू हो गयी तो मामला दब गया. अब जब जमीन की रजिस्ट्री चालू हुई है तो लाखराज किस्म की इस जमीन को रजिस्ट्री की तैयारी फिर से शुरू कर दी गयी है.
भू-दान कार्यालय से बिलासी टाउन के दस्तावेज की भी चोरी
भू-दान कार्यालय से हुई दस्तावेज की चोरी में बिलासी टाउन के दस्तोवज भी शामिल है. बिलासी टाउन के दस्तावेजों में सबसे अधिक गड़बड़ी हुई है. बिलासी टाउन की फाइलों में पत्राचार, पुराना रिकार्ड, दान पत्र संबंधित कागजात संपुष्टि, नकल, नक्शा, कमेटी से पत्राचार, बिलासी टाउन के भू-दान भूमि का मुकदमा संबंधित फाइलों में मुकदमा का पत्रचार व फैसला का अभिप्रमाणित प्रतिलिपि गायब है.
अब सवाल उठा रहा है कि करोड़ों की कीमत वाली बिलासी टाउन के इस नौ कठ्ठा भूमि में कौन भू-माफिया रोटी सेंकने वाला है व इस भू-दान जमीन के दस्तावेज में कैसे हेरफेर हुई, जिसकी वजह से पुन: इस जमीन का जमाबंदी पुर्वजीवित कर रजिस्ट्री की तैयारी की जा रही है. जब यह जमीन भू-दान में जा चुकी थी तो इसकी जमाबंदी कैसे बदल गयी.

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