देवघर : जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में 599 नवनियुक्त शिक्षकों का शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए विभाग द्वारा डिमांड ड्रॉफ्ट जमा लिया गया था. लेकिन, तीन माह की अवधि बीतने के कारण डिमांड ड्रॉफ्ट की वैधता समाप्त हो गयी है. शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन का दवाब बढ़ने के बाद जांच टीम एवं पदाधिकारियों ने विभागीय पैसों से तत्काल सत्यापन कराने का फैसला लिया है.
नवनियुक्त शिक्षकों से बाद में नकद राशि लेकर डिमांड ड्रॉफ्ट लौटाया जायेगा. शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर नवनियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन लंबित पड़ा था. जिला शिक्षा अधीक्षक सीवी सिंह ने बताया कि प्रमाण पत्रों के सत्यापन पर करीब छह से सात लाख रूपये खर्च आयेगा. तत्काल विभागीय पैसों से प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जायेगा. नवनियुक्त शिक्षकों को बैंक ड्रॉफ्ट लौटा कर नकद राशि बाद में जमा लिया जायेगा. इससे विभागीय राशि का एडजस्टमेंट होगा.
नवनियुक्त शिक्षकों पर पड़ेगा आर्थिक बोझ : विभाग द्वारा समय पर नवनियुक्त शिक्षकों से डिमांड ड्रॉफ्ट जमा लिया गया है. तीन माह की अवधि के बाद डिमांड ड्रॉफ्ट की वैधता समाप्त हो गयी है. अब विभाग ने बैंक ड्रॉफ्ट लौटा कर नकद राशि लेने का फैसला किया है. विभागीय पदाधिकारी के इस फैसले से नवनियुक्त शिक्षकों को आर्थिक बोझ से जूझना पड़ेगा. क्योंकि वैधता समाप्त डिमांड ड्रॉफ्ट वापस लेने पर बैंक कमीशन काटेगा.