देवघरL मोहनपुर व घोरमारा के आसपास करीब 50 गांवों में साइबर क्राइम ने अपना जाल फैला लिया है. पुलिस की लाख दबिश होने के बाद पिछले एक वर्ष में तेजी से इस इलाके में साइबर क्राइम ने पांव पासरे हैं. साइबर क्राइम में 13 से 25 वर्ष के युवा शामिल है.
लगातार अलग-अलग राज्यों की पुलिस की छापेमारी के बाद अब घोरमारा के साइबर अपराध में शामिल युवकों ने ठिकाना बदल लिया है. अधिकांश युवक अब देवघर शहर के मातृ मंदिर गली के कुछ किराये के कमरे में रहकर साइबर क्राइम की घटना को अंजाम दे रहा है. बताया जाता है कि बंद कमरे से ही दिन भर बैंक अधिकारी बनकर साइबर क्राइम लोगों को ठग रहे हैं.
इसके साथ ही त्रिकुट पहाड़ के जंगल, सिमरजोर पहाड़ व जोगिया पहाड़ी का भी सहारा लेकर धड़ले से साइबर क्राइम चल रहा है. साइबर क्राइम का जाल बांक, घोरमारा, बांझी, जगतपुर, लतासारे, आमगाछी, खरगडीहा, चकरमा, मोहनपुर, मोरने, जोगिया, बलथर, पथरी, जमुआ, रघुनाथपुर, पारोडाल, चितरपोका, देवथर व ओंराबारी गांव से साइबर क्राइम की घटना को अंजाम दिया जा रहा है.
अब ऑनलाइन शॉपिंग बेहतर तरीका
साइबर ठगों द्वारा बैंक खाते से पैसा उड़ाकर दूसरे खाते में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया पर कुछ बैंकों द्वारा तकनीकी लगाम लगाये जाने के बाद अब सीधे साइबर ठग ऑन लाइन शॉपिंग का बेहतर तरीका अपनाया है. बैंक अधिकारी बनकर जैसे ही ग्राहक को अपने जाल में फंसाकर एटीम का पिन नंबर लेते हैं, उसी दौरान चंद सैकेंड में पैसे से सीधे ऑन लाइन शाॅपिंग कर लेते हैं. ऑन लाइन शाॅपिंग में खरीदी गयी महंगी सामग्री को फरजी पते का इस्तेमाल कर मंगवाया जाता है. ऑन लाइन अधिकांश कोलकाता से किया जा रहा है. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ व एमपी पुलिस को जांच में पता चला था कि घोरमारा उपर टोला का एक युवक पढ़ाई के साथ-साथ ऑन लाइन शॉपिंग का एजेंट के रुप में काम रहा है, साइबर ठगों द्वारा खरीदी गयी सामग्री को कोलकाता में ही उक्त युवक रिसीव करता है व बाद में बस के जरिये साइबर ठग के फरजी पते तक सामग्री भेज दी जाती है.
इसमें उक्त युवक मोटी कमशीन मिलती है. बताया जाता है कि कोलकाता में उक्त युवक महंगी बुलेट गाड़ी व 60 हजार रुपये तक मोबाइल इस्तेमाल करता है. पुलिस उक्त युवक को अपने जद में लाने के लिए तकनीकी रुप से जाल भी बिछा रही है.