देवघर: सत्य का मार्ग कठिन जरूर है पर इसका अंत सुखद है. ये बातें संजय व्यास ने कही. व्यास जी श्री बैद्यनाथ पंडा कीर्तन मंडली द्वारा आयोजित मासव्यापी अखंड हरिनाम संकीर्तन में रविवार को प्रवचन दे रहे थे. उन्होंने कहा कि सत्य को हर धर्म में महती स्थान दिया गया है. इसे हर धर्म, मजहब, जात में स्वीकारा गया है.
मानव जब सांसारिक कर्म करते-करते थक जाता है.तब भगवान के मार्ग पर चलना चाहता है. इसका स्वरूप श्रीमद् भागवत से मिलता है. परीक्षित ने राजा पद में अहंकारी होकर ब्राह्मण का अपराध किया. उसे शाप मिला. वह शुकदेव स्वरूप गुरु से श्रीमद् भागवत कथा सुनकर मोक्ष प्राप्त किया. शिव-पार्वती की चर्चा करते कहा कि शिव विश्वास और पार्वती श्रद्धा का स्वरूप हैं.
श्रद्धा का विवाह विश्वास से हो तब ही जीवन में गणेश रूपी मंगल की प्राप्ति होती है. मंडली के महामंत्री सुशील चरण मिश्र ने श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में आकर महायज्ञ का आनंद उठाने की अपील की है. आयोजन को सफल बनाने में बाबा कुंजिलवार, दुर्गा शंकर मिश्र, मंटू खवाड़े, लाल बलियासे, शिवजी पंडित आदि जुटे हुए हैं.