Advertisement
देवघर : भगदड़ में 10 कांवरिये मरे, डीसी अमित कुमार, एसपी पी मुरुगन, सिविल सर्जन व रीजनल हेल्थ डायरेक्टर सस्पेंड
देवघर : देवघर में सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने जुटे कांवरियों में भगदड़ मचने से 10 लाेगों की मौत हो गयी़ 50 कांवरिये घायल हो गये़ घटना सोमवार तड़के 4़ 45 बजे कांवरियों की रूट लाइनिंग बेलाबगान दुर्गाबाड़ी के समीप घटी़ मृतकों में एक महिला भी है़ घायलों को […]
देवघर : देवघर में सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने जुटे कांवरियों में भगदड़ मचने से 10 लाेगों की मौत हो गयी़ 50 कांवरिये घायल हो गये़ घटना सोमवार तड़के 4़ 45 बजे कांवरियों की रूट लाइनिंग बेलाबगान दुर्गाबाड़ी के समीप घटी़ मृतकों में एक महिला भी है़ घायलों को देवघर सदर अस्पताल और मां ललिता अस्पताल में भरती कराया गया है़ गंभीर रूप से घायल चार कांवरियों को हेलीकॉप्टर से रांची ले जाया गया, जहां उन्हें रिम्स में भरती कराया गया है़
मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश के बाद घटना की जांच करने गृह सचिव एनएन पांडेय देवघर गये़ घटना को लेकर सरकार ने देवघर के उपायुक्त अमित कुमार, एसपी पी मुरुगन, रीजनल हेल्थ डायरेक्टर शिवकुमार अौर सिविल सर्जन डॉ दिवाकर कामत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार को देवघर का नया डीसी बनाया गया है़ दुमका के एसपी विपुल शुक्ला को देवघर का नया एसपी बनाया गया है़
कैसे घटी घटना : प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्गाबाड़ी मोड़ पर रूट-लाइनिंग में ही रात से कांवरिये आराम कर रहे थे. रात दो बजे से ही कांवरियों की कतार डाबर ग्राम तक पहुंचचुकी थी.
सोमवार तड़के हजारों की संख्या में कांवरिये कतार में लगने के लिए पहुंच ही रहे थे कि मंदिर खुलने का समय हो गया़ इसी बीच अचानक पीछे से कांवरियों की कतार हुजूम के रूप में बेलाबगान चौक पर पहुंच गयी़ इससे वहां भीड़ का दबाव बढ़ गया. कांवरिये कई कतार बनाते हुए दौड़ पड़े़ रूट लाइनिंग में आराम कर रहे कांवरियों को रौंद डाला़ तीन की यहीं मौत हो गयी़ बताया जाता है कि जिस वक्त घटना घटी, उस समय वहां बिजली नहीं थी. अंधेरा पसरा हुआ था़
पुलिस ने किया हल्का बल-प्रयोग : कांवरियों को दौड़ते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया़ पुलिस ने लाठियां चलानी शुरू कर दी़ इससे कांवरियों की कतार में भगदड़ मच गयी. मौके पर ही सात और कांवरियों की मौत हो गयी़ स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस-प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. भीड़ में से कांवरियों को निकाल-निकाल कर पुलिस ने बस से सदर अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल की इमरजेंसी ड्यूटी में लगे डॉक्टर सुनील कुमार व हिमांशु कुमार भैया ने मौके पर ही 10 कांवरियों को मृत घोषित कर दिया. घायलों का प्राथमिक उपचार कर वार्ड में शिफ्ट कराया गया.
पहुंचे कई अधिकार व जनप्रतिनिधि : घटना की सूचना मिलते ही श्रम मंत्री राज पलिवार सहित स्थानीय विधायक नारायण दास, जरमुंडी विधायक बादल, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, डीआइजी देवबिहारी शर्मा, डीसी अमीत कुमार, एसपी पी मुरुगन, डीडीसी मीना ठाकुर, सिविल सर्जन डॉक्टर दिवाकर कामत के अलावा अन्य पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दलों व स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता स्थानीय लोगों के साथ पहुंचे़ सभी ने अपने स्तर से मदद व राहत पहुंचाने का प्रयास किया.
घायल कांवरिये
कपिल चौधरी, नालंदा बिहार
रामेश्वरी देवी, बलिया यूपी
सरस्वती देवी, बलिया यूपी
बालेश्वर, कजरा वर्द्धमान
बसंती देवी, बलिया यूपी
नमकी, छतीसगढ़
बबलू सिंह, गोपालगंज
बुला देवी, नालंदा
रामकलेश्वर, मोतिहारी यूपी
राजन सिंह, यूपी
संगीता देवी, छपरा बिहार
राजेश राम, छपरा बिहार
कार्तिक स्वर्णकार, कटिहार बिहार
ललित पंडित, दरभंगा
सुशीला देवी, नेपाल
दीपेश कुमार मंडल, नेपाल
निर्मला देवी, पटना
गुडि़या, बलिया
बासमति देवी, बलिया
पूनम देवी, मोतिहारी
रानी देवी, हाथीदह
सुभाष यादव, फुलवारी
पताली चौहान, भभुआ
निधि कुमारी, लखीसराय
रामकिशोर मंडल, धमसा
बदलू राम, बहराइच
द्रोपदी देवी, मधेपुरा
सुदर्शन मिंज, गया
मुकुल शर्मा, असम
चंदानंद यादव, अररिया
पिंटू कुमार यादव, अररिया
ब्रजेश यादव, अररिया
गणेश महतो, सिल्ली
धनंजय कुमार, अरवल
अभय राज, चित्रकूट
प्रकाश रेड्डी, हुगली
बच्चन साधु, बक्सर
प्रसंत सोआइ, आसनसोल
बलराम प्रधान, आसनसोल
रानी देवी, हाथीदह, पटना
बिम्मी रानी, मोकामा
प्रशांत कुमार सोनी, बलिया
परमेश्वरी देवी, गाजीपुर यूपी
पार्वती देवी, महाराजगंज यूपी
मैनी देवी छतीसगढ़
रामकिशोर कुमार, बेलहर गोरखपुर
सिंहासन साह, बेतिया
बलराम प्रधान, ओड़िशा
प्रशांत स्वयं, ओड़िशा
आयुष कुमार
घटना प्रशासनिक चूक के कारण
घटना की जांच की जिम्मेदारी गृह सचिव एनएन पांडेय को सौंपी गयी है़ गृह सचिव के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम देवघर गयी़
टीम में एडीजी अभियान एसएन प्रधान, आरइअो सचिव एमआर मीणा, स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख सुमंत मिश्रा भी शामिल थे़
राहुल पुरवार भी देवघर पहुंचे़ निगरानी के आइजी मुरारी लाल मीणा को भी देवघर भेजा गया. वह विधि-व्यवस्था की समीक्षा करेंगे.
पीएम और गृह मंत्री ने सीएम से की बात
घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात की़ पूरी घटना की जानकारी ली़ आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया़
मुआवजे का एलान
राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की
बाबा मंदिर प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख, घायलों को 25-25 हजार देने की घोषणा की
हेल्पलाइन नंबर जारी
06432- 232295, 232299, 240577, 291274
आपदा प्रबंधन के निर्देशों का पालन जरूरी
देवघर की घटना भगदड़ से होनेवाली त्रासदियों के सिलसिले की दुखद कड़ी है. भीड़भाड़ वाले विभिन्न आयोजनों में मची भगदड़ में पिछले डेढ़ दशक में तकरीबन 2,293 लोगों की जान जा चुकी है. इसी अवधि में भगदड़ की कुल घटनाओं में 79 फीसदी हादसे सिर्फ धार्मिक अवसरों पर हुए हैं. ऐसे मौकों पर भगदड़ की आशंकाएं अधिक होती हैं, क्योंकि इन आयोजनों में बच्चों, बूढ़ों, महिलाओं आदि की बड़ी संख्या होती है तथा तीर्थस्थल सामान्यत: बड़े शहरों से दूर होते हैं, जिसके कारण इंफ्रास्ट्रक्चर और चिकित्सा की सुविधाएं सीमित मात्रा में उपलब्ध होती हैं.
समुचित प्रबंधन के अभाव में कई जगहों पर भीड़ को रोक दिया जाता है या वहां भीड़ जमा हो जाती है. ऐसी स्थिति में भगदड़ की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इन जगहों पर अफवाहें भी जोर-शोर से फैलती हैं और उपद्रवी तत्व भी ऐसे मौकों का गलत फायदा उठाने से नहीं हिचकते हैं.
भगदड़ मचने के चार प्रमुख कारक होते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है भीड़ और अफरा-तफरी. लोगों का बड़ा हुजूम एक खास जगह पर प्रविष्ट होने के लिए कोशिश करता है और इससे घुटन, धक्का-मुक्की और अव्यवस्था होने लगती है. किसी अस्थायी संरचना के टूटने से भी भगदड़ मच सकती है. प्राकृतिक कारण, जैसे- तेज बारिश, आंधी, फिसलन आदि भी भीड़ को बेकाबू कर देते हैं. आपा-धापी का एक बड़ा कारण अफवाहों या गलत सूचनाओं का प्रसार भी होता है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भीड़ को संभालने, उनके व्यवहार को समझने और उसके अनुकूल कदम उठाने तथा विभिन्न अवसरों का आकलन करने संबंधी निर्देश जारी किया है, लेकिन इन्हें प्रशासन के हर स्तर तक नहीं पहुंचाया जा सका है. अभी भी यह नीति ही है, व्यवहार नहीं बन सका है. ऐसी दुखद घटनाओं को रोकने के लिए तीन प्रमुख उपाय किये जाने चाहिए-
स्थान की सुरक्षा : धार्मिक आयोजनों में समुचित अनुमति लेने की व्यवस्था हमारे देश में नहीं है. प्रशासनिक स्तर पर ऐसे आयोजनों को मॉनिटर करने और उनसे संबंधित आवश्यक सूचनाओं को जमा करने का कोई इंतजाम नहीं है. इसका सीधा असर तैयारियों पर पड़ता है. इस संबंध में जिला-स्तर पर पर्याप्त सुधार और प्रशिक्षण की तुरंत आवश्यकता है. प्रशासन के पास संभावित भीड़ और उसके व्यवहार तथा जमा होने की जगहों का पूरा आकलन होना चाहिए. इस आकलन के आधार पर ही उसे सुरक्षा के इंतजाम करने चाहिए.
सामाजिक अनुशासन : प्रशासनिक स्तर पर ठीक व्यवस्था ही त्रासदियों को रोकने के लिए काफी नहीं है. आयोजन में शामिल लोगों का व्यक्तिगत और सामूहिक व्यवहार हादसे के लिए और उसकी भयावहता के लिए काफी हद तक जिम्मेवार होता है. जबर्दस्ती लोगों को एक जगह रोकना, विशिष्ट लोगों को आसानी से रास्ता देना, घुटन आदि लोगों को बेचैन कर सकते हैं. लोगों को आयोजन-स्थल के बारे में समझ होनी चाहिए. उन्हें सुरक्षा और बचाव के बारे में जागरूक करना चाहिए तथा उनमें तनाव के माहौल में शांति बनाये रखने की समझ रहनी चाहिए. लोगों को जोर-जबरदस्ती और धक्का-मुक्की करने के रवैये को छोड़ना होगा.
आपदा से निपटने की तैयारी : आपदा-प्रबंधन की मुख्य जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होती है. उन्हें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा केरल और गुजरात सरकार द्वारा तैयार दिशा-निर्देशों पर पूरा ध्यान देते हुए तैयारी करने की जरूरत है. ध्यान रखा जाना चाहिए कि भगदड़ मानव-निर्मित त्रासदी है और इसे जरूरी तैयारियों से टाला जा सकता है.
कोई भी प्रशासनिक तैयारी सबसे भयावह त्रासदी को नजर में रखते हुए की जानी चाहिए. भीड़-प्रबंधन से लेकर समुचित चिकित्सा व्यवस्था तक आयोजन की तैयारी में कोई भी चूक कभी-भी भयावह हो सकती है. उम्मीद की जानी चाहिए कि देवघर हादसा से सीख लेते हुए आगामी आयोजनों की तैयारियां बेहतर तरीके से की जायेंगी.
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
घटना को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शोक जताया है़ उन्होंने कहा : भीड़ अनियंत्रित हो गयी थी़ मामले की जांच होगी़ किससे, कहां चूक हुई है, यह जांच के बाद ही कहा जा सकता है़ स्वास्थ्य महकमा को भी अलर्ट कर दिया गया है. जिला प्रशासन को कांवरियों के लिए बेहतर सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. घायलों के समुचित इलाज का भी निर्देश दिया गया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement