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फ्लैश बैक : ….जब झामुमो के दिग्गज नलिन, झामुमो के खिलाफ भी लड़े थे चुनाव
संजीत मंडल 39 वर्षों से झामुमो का अभेद्य किला रही है शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट देवघर : संताल परगना की शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट गुजरे 39 वर्षों से झामुमो का अभेद्य किला रही है. 1980 से इस सीट पर झामुमो के प्रत्याशी ही जीतते आये हैं. पिछले 29 वर्षों से नलिन सोरेन ही विधायक हैं. लेकिन, नलिन […]
संजीत मंडल
39 वर्षों से झामुमो का अभेद्य किला रही है शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट
देवघर : संताल परगना की शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट गुजरे 39 वर्षों से झामुमो का अभेद्य किला रही है. 1980 से इस सीट पर झामुमो के प्रत्याशी ही जीतते आये हैं. पिछले 29 वर्षों से नलिन सोरेन ही विधायक हैं. लेकिन, नलिन सोरेन झामुमो के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं. 1985 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में झामुमो के उम्मीदवार और तत्कालीन विधायक डेविड मुर्मू के विरूद्ध चुनाव लड़ा था.
हालांकि, वह जीत नहीं सके थे. 1990 के चुनाव में डेविड मुर्मू कांग्रेस चले गये. झामुमो ने कांग्रेस के खिलाफ नलिन सोरेन को चुनावी दंगल में उतारा. नलिन सोरेन बड़े अंतर से जीते. इसके बाद डेविड भाजपा में चले गये. 1995 का चुनाव उन्होंने भाजपा के टिकट पर लड़ा. लेकिन, झामुमो के नलिन सोरेन से पार नहीं पा सके.
वर्ष 2000 में छोटो मुर्मू ने भाजपा के टिकट पर झामुमो को चुनौती दी, लेकिन वह सफल नहीं हो सके. पिछले तीन चुनाव से शिकारीपाड़ा में झामुमो का मुख्य प्रतिद्वंद्वी झाविमो रहा. 2005, 2009 और 2014 के चुनाव में झाविमो के पारितोष सोरेन ने नलिन सोरेन की जमीन खिसकाने की कोशिश की. हालांकि, नाकाम रहे. इस बार परितोष भाजपा का टिकट लेकर चुनावी रेस में दौड़ रहे हैं. इधर, झामुमो ने लगातार सातवीं बार नलिन सोरेन को झामुमो का प्रत्याशी बना कर मैदान में उतारा है.
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