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शिद्दत से याद किये गये हूल विद्रोह के नायक

मधुपुर : शहर के गांधी चौक में रविवार को झामुमो द्वारा हूल दिवस मनाया गया. इस अवसर पर पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने सिदो-कान्हो की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. इसके उपरांत पथलचपटी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. वहीं, आदिवासी समुदाय की महिलाओं की ओर से नृत्य व सांस्कृतिक कार्यक्रम का […]

मधुपुर : शहर के गांधी चौक में रविवार को झामुमो द्वारा हूल दिवस मनाया गया. इस अवसर पर पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने सिदो-कान्हो की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. इसके उपरांत पथलचपटी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. वहीं, आदिवासी समुदाय की महिलाओं की ओर से नृत्य व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उपस्थित लोगों ने पारंपरिक वेश भूषा के साथ नृत्य आदि प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

उन्होंने कहा कि देश व समाज को शोषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से सिदो-कान्हो के नेतृत्व में सन् 1856 संताल हूल हुआ था. जिसके कारण ही संताल परगना काश्तकारी अधिनियम प्रभाव में आया. कहा कि आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां के आदिवासी व मूलवासी की स्थिति में बदलाव नहीं आया. उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों की हित की बात तो दूर उनके बारे में कोई योजना नहीं है. आज भी आदिवासी समाज पिछड़ा है.
मौके पर नप अध्यक्ष लतिका मुर्मू, उपाध्यक्ष जियाउल हक, जिप सदस्य इमरान अंसारी, दिनेश्वर किस्कू, हफीजुल हसन, वार्ड पार्षद निताई सोरेन, अल्ताफ हुसैन, गोविंद प्रसाद यादव समेत फैयाज अहमद, राजा, सफलदर अली, जावेद आलम, लुकमान अंसारी, हाजी अल्ताफ हुसैन, प्रकाश मंडल, लखन किस्कू, विष्णु मरांडी, वेरानादेत तिर्की, रानी किस्कू, फुलमनी मुर्मू, सुंदरी यादव, जावेद आलम, साकीर अंसारी, समीर आलम, ब्रम्हदेव वर्मा, मुख्तार आलम आदि मौजूद थे. वहीं, नप के पंदनिया के पुरानी चिहुटिया के विद्यासागर इंस्टिच्यूट सभा कक्षा में रविवार को धूमधाम से हूल दिवस मनाया गया. इस अवसर पर सिदो-कान्हो की तस्वीर पर माल्यार्पण किया. मौके पर उपस्थित लोगों ने उनके विचारों से अवगत कराया.
इस अवसर पर धीरन प्रसाद सिंह, महेंद्र घोष, मलय बोस, रफीक शबनम, नंद किशोर शर्मा, निरंजन यादव, रोहित यादव, ओंकार नाथ मेहरा, सुरेंद्र प्रसाद यादव, शिवनाथ यादव, देवानंद यादव, रहमत अली, महेंद्र पंडित, उपेंद्र कुमार, विजय पांडेय आदि मौजूद थे. शहर के बावन बीघा स्थित स्वयं सेवी संस्था संवाद परिसर में रविवार को हूल दिवस मनाया गया. इस अवसर पर संताल हूल के जन नायक वीर सिदो-कान्हो की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया गया. उपस्थित लोगों ने हूल यानी क्रांति पर प्रकाश डाला गया.
मौके पर इबरार ताबिंदा ने कहा कि आज ही के दिन सन् 1855 में संताल परगना के भोगनाडीह में वीर सिदो-कान्हो, चांद और भैरव के नेतृत्व में अंग्रेजी हुकूमत, जमींदारों, साहूकारों व महाजनों के अन्याय के विरोध में विद्रोह हुआ था. यह विद्रोह अभी खत्म नहीं हुआ. बल्कि यह हमेशा से झारखंड के लोगों को प्रेरित करता रहेगा. राज्य के आदिवासियों द्वारा जल, जंगल व जमीन की रक्षा के लिए शुरुआत की गयी थी. इस मौके पर नरेश यादव, पंकज, श्रीकिशुन, श्यामलाल, महानंद, सीमांत, जावेद, सुभाष मौजूद थे.

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