देवघर: इस वर्ष अद्रा नक्षत्र में पर्याप्त बारिश हो गयी है. खेतों में पानी भर गया है. किसानों को अब धान का बिचड़ा खेतों में डालने में बाधा पहुंच रही है. चूंकि संताल परगना में हल्की बारिश के बाद मिट्टी में नमी रहते धान का बिचड़ा डालने की परंपरा रही है.
जो किसान रोहन व मृगश्रिा नक्षत्र में बिचड़ा नहीं डायले पाये थे वैसे किसान अद्रा नक्षत्र में बिचड़ा डालने के इंतजार में थे.अद्रा नक्षत्र के जाते-जाते जमकर हुई से बारिश ने किसानों को अब परेशानी में डाल दिया है. किसान बारिश थमने व धूप निकलने इंतजार कर रहे हैं. ताकि बिचड़ा डाला जाये.
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बारिश थमने के 24 घंटे के बाद किसान कीचड़ में धान का बिचड़ा डाल सकते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी के कृषि वैज्ञानिक अनिल राय ने बताया कि किसान पहले नमी वाले मिट्टी में बिचड़ा डालते थे, लेकिन अब धान की क्वालिटी में बदलाव आया है. किसान कीचड़ में भी धान का बिचड़ा डाल सकते हैं.
बारिश थमने के 24 घंटे के बाद किसान खेतों की मेढ़बंदी कर खेत को पूरी तरह कीचड़(कादो) कर सकते हैं, उसके बाद खेतों में धान का बिचड़ा डाल सकते हैं. इसमें अभिषेक, 3264, सुगंधा-5, सुगंधा-6 जैसी उत्तम किस्म का धान का बिचड़ा खेतों में डालने से दस दिनों में निकल जायेगा व 30 दिनों में बिचड़ा तैयार हो जायेगा.