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देवघर : डिगरिया पहाड़ के समीप कई बार हुई एके 47 की डील

देवघर के नेता का था नक्सली कनेक्शन मुंगेर/देवघर : मुंगेर के हथियार तस्करों ने सर्वाधिक एके 47 हथियार जहां नक्सलियों व उग्रवादियों के हाथों बेचे हैं, वहीं गया, नालंदा व औरंगाबाद के लोगों ने भी जमकर एके 47 की खरीदारी की है. मुंगेर पुलिस के अनुसंधान के दौरान यह बात सामने आया कि हथियार तस्कर […]

देवघर के नेता का था नक्सली कनेक्शन
मुंगेर/देवघर : मुंगेर के हथियार तस्करों ने सर्वाधिक एके 47 हथियार जहां नक्सलियों व उग्रवादियों के हाथों बेचे हैं, वहीं गया, नालंदा व औरंगाबाद के लोगों ने भी जमकर एके 47 की खरीदारी की है. मुंगेर पुलिस के अनुसंधान के दौरान यह बात सामने आया कि हथियार तस्कर इमरान व शमशेर ने भारी संख्या में हथियारों की खरीद-फरोख्त की है.
साथ ही इनलोगों ने हथियार तस्करी को अंजाम देने में महिलाओं का भी खूब सहयोग लिया. दूसरी ओर हथियार तस्कर मंजर आलम का सांठगांठ झारखंड के नक्सलियों व अपराधियों से रहा है और उसने कोल क्षेत्र में एके 47 की पहुंच बनायी.
देवघर जिले के एक राजनीतिक दल के नेता व व्यवसायी ने भी कई बार हथियारों की डील की. उक्त नेता खुद व एक अन्य जनप्रतिनिधि इस अवैध व्यापार में शामिल था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जसीडीह के डिगरिया पहाड़ के आसपास उक्त हथियारों की खेप पहुंचती थी. सूचना तो यहां तक है कि उक्त नेता ने उग्रवादी संगठन जेपीसी को भी हथियार उपलब्ध कराया था. उक्त नेता की कुछ अन्य मामलों में भी नाम उछले हैं.
पुलिस को मिले साक्ष्य
एके 47 हथियार के अनुसंधान के मामले में मुंगेर पुलिस एक के बाद एक सफलता मिलती गयी और उसके साक्ष्य भी पुलिस ने इकट्ठा किया है. एक ओर जहां जबलपुर आयुध फैक्ट्री के सेवानिवृत्त आर्मोरर पुरुषोत्तम लाल व उसकी पत्नी के जबलपुर से जमालपुर भाया भागलपुर जाने के रेलवे रिजर्वेशन चार्ट पुलिस ने उपलब्ध किये हैं, वहीं कंटनी रेलवे स्टेशन के उस वीडियो फुटेज को भी साक्ष्य के तौर पर इकट्ठा किया गया है.
इसमें पुरुषोत्तम लाल, उसकी पत्नी व उसके बेटे को बैग लेकर स्टेशन में प्रवेश करते दिख रहा है. सबसे खास बात है कि भागलपुर के स्टेशन के पास, तातारपुर रोड में स्थित एक चर्चित होटल में पुरुषोत्तम लाल व उसकी पत्नी ठहरते थे. यहां से ट्रेन पकड़ने में कम समय लगता था. खुलासे के बाद पुलिस उक्त होटल को भी जांच के घेरे में रख रही है.
कहा जा रहा है कि जब होटल में वह बार-बार आ रहा था और उसकी गतिविधि संदिग्ध थी, तो होटल संचालक ने इसको नोटिस क्यों नहीं किया. पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है.इसके साथ ही जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ कि अबतक इमरान व शमशेर को पुरुषोत्तम ने 15 बार एके 47 की आपूर्ति की है. इमरान ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में इस बात का खुलासा किया है कि वे लोग पुरुषोत्तम लाल से 3.50 लाख एके 47 खरीदता था और 4.50 लाख में उसे मंजर उर्फ मंजी, इरफान आलम, मुर्शीद व रिजवान, मुस्तकीम उर्फ मंगल खां को बिक्री कर देता था.

मध्य बिहार में बेचे गये सर्वाधिक एके 47

जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ कि मध्य बिहार में माओवादियों के साथ ही आपराधिक गिरोहों को भी एके 47 उपलब्ध कराये गये. औरंगाबाद जिले के दाउदनगर भूलेखर निवासी चंद्रशेखर आजाद, अनुराही निवासी पिंटू शर्मा उर्फ पिंटू मुखिया, गया जिले के बेला थाना अंतर्गत सरथुआ निवासी पप्पू यादव, गया जिले के ही मऊ थाना अंतर्गत किरकुट निवासी बीपी शर्मा, नालंदा जिले के गिरीचक थाना अंतर्गत होशरामा निवासी अरविंद सिंह, गया जिले के खीजरसराय निवासी शैलेश, औरंगाबाद जिले के मंटू शर्मा शामिल हैं.
इसके साथ ही मो शमशेर के साथ मिलकर मुंगेर शहर के बिंदवारा गांव निवासी मनोज सिंह, बीचागांव मकससपुर निवासी पवन मंडल, शंकरपुर निवासी सनोज यादव एवं आदर्शग्राम टीकारामपुर निवासी संजीव साह ने भी एके 47 हथियार की जम कर खरीद-बिक्री की.

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