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अपराधियों की पकड़ से दूर हो रहे पुलिस के हाथ

देवघर : हाल के दिनों में देवघर पुलिस ने लाल वारंटियों की गिरफ्तारी में तेजी लायी है. इनमें कई ऐसे लोग हैं जो पिछले दस से 15 साल से आपराधिक कांडों में फरार चल रहे हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए भले ही पुलिस दिन-रात एक किये हुए है. लेकिन, हाल के महीने में कई ऐसी […]

देवघर : हाल के दिनों में देवघर पुलिस ने लाल वारंटियों की गिरफ्तारी में तेजी लायी है. इनमें कई ऐसे लोग हैं जो पिछले दस से 15 साल से आपराधिक कांडों में फरार चल रहे हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए भले ही पुलिस दिन-रात एक किये हुए है. लेकिन, हाल के महीने में कई ऐसी घटनाएं हुई है, जिसमें पुलिस की कार्रवाई सुस्त ही दिख रही है.
आपराधिक घटनाओं का सुराग व मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस अबतक कार्रवाई नहीं कर सकी है. जिस कारण पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. देवघर जिला के तीन अलग-अलग थाना क्षेत्र के चार मामलों में आपराधिक घटनाओं का सारा ब्योरा पता लगने के बाद भी पुलिस कुछ नहीं कर सकी.
कोख हो गयी सूनी, नहीं मिला न्याय, आरोपित फरार
सारठ में जिउतिया के दिन ही झोलाछाप चिकित्सक के गलत इलाज के कारण एक मां की कोख सूनी हो गयी. घटना थाना क्षेत्र के आराजोरी धर्मपुर गांव स्थित राहुल मेडिकल हॉल की है. महाराजगंज गांव निवासी विवेकानंद दास के आठ वर्षीय पोते धनराज कुमार दास को खांसी हो रही थी.
धनराज को लेकर उसकी मां राहुल मेडिकल हॉल में झोलाछाप ग्रामीण चिकित्सक सत्यनारायण वर्मा उर्फ सातो वर्मा के पास पहुंची. वहां धनराज की खांसी का सिरप मांगा तो सत्यनारायण ने इंजेक्शन (सूई) लगा दी. इंजेक्शन लगते ही धनराज के मुंह से झाग निकलने लगा तो फिर लगातार उसे दो इंजेक्शन लगायी.
इससे उसकी हालत बिगड़ने लगी. इसके बाद सत्यनारायण ने अपने द्वारा दी गयी दवा आदि की एक पुर्जी बनाकर थमाया और धनराज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने को कहा. जल्दबाजी में धनराज को लेकर परिजन सारठ सीएचसी पहुंचे. वहां ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने उसकी गंभीर स्थिति देखते हुए दो इंजेक्शन एट्रोपिन व डेक्सोना लगाया और धनराज को बेहतर इलाज के लिये सदर अस्पताल देवघर रेफर कर दिया.
परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल आये, जहां ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने धनराज को मृत बताया था. मामले को लेकर उसके दादा ने ग्रामीण चिकित्सक सत्यनारायण वर्मा पर एफआइआर दर्ज करायी थी. गलत इलाज करने व लगातार तीन इंजेक्शन लगाने के कारण ही धनराज की मौत की बात कही गयी थी. मामले में तीन सप्ताह से अधिक बीत गये. बावजूद पुलिस अब तक झोलाछाप डॉक्टर को नहीं गिरफ्तार कर सकी है.
आज भी बेफिक्र घूम रहे आरोपित, नहीं हुई कार्रवाई
बैजनाथपुर में संजीव मिश्रा के साथ मारपीट कर मोबाइल छिनतई कर ली गयी थी. मामले में चार-पांच अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है. संजीव की छिनतई हुई मोबाइल का लोकेशन आने के बाद भी रिखिया थाने की पुलिस बरामद नहीं कर सकी. वहीं रमेश हरि की गोली मारकर हत्या के आक्रोश में महेशमारा निवासी विजय मंडल के घर पर हंगामा करने व रोकने के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला करते हुए हथियार छीनने का प्रयास हुआ था.
सैट प्रभारी एएसआइ फैयाज अहमद खां ने 11 जुलाई को ही रिखिया थाने में एफआइआर दर्ज करायी थी. मामले में 13 नामजद व करीब 60 अज्ञात लोग आरोपित हैं. घटना के ढाई महीने बाद भी पुलिस अब तक किसी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
चोरी की जब्त बाइक भी नहीं ला सकी पुलिस
नगर थाना क्षेत्र के झौसागढ़ी से 10 सितंबर की रात्रि विजय कुमार की स्पलेंडर बाइक (जेएच 04 सी 5887) की चोरी हुई थी. घटनास्थल के बगल में लगे एक सीसीटीवी में पूरा घटनाक्रम कैद हुआ, जो फुटेज पुलिस ने आकर प्राप्त भी की. इसके बाद अचानक 15 सितंबर को विजय की बाइक दुमका नगर थाना क्षेत्र में बरामद भी हो गयी.
इसकी जानकारी उसी दिन देवघर नगर पुलिस को मिल गयी. बावजूद 40 दिन बीत गये व महज 70 किलोमीटर दूर दुमका से अब तक देवघर नगर थाने की पुलिस उक्त बरामद बाइक नहीं ला सकी है.

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