देवघर: धार्मिक नगरी में अक्षय तृतीया हर्षोल्लासपूर्वक मनाया जाता है. लोग अपने-अपने घरों के सामने प्याऊ खोल कर राहगीरों को पानी व शरबत पिलाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन अजिर्त पुण्य का क्षय नहीं होता है.
इस साल दो मई को अक्षय तृतीय है. ब्राrाण व गरीबों को अपने सामथ्र्य के अनुसार दान करें. इस संबंध में मंदिर स्टेट पुजारी मायाशंकर शास्त्री ने कहा कि दो मई को दिन भर अक्षय तृतीया रहेगा. इसमें अधिक से अधिक पुण्य का काम करें. नेक काम करें. अपने व्यवहार से किसी के दु:खी नहीं करें.
शास्त्रों के अनुसार सतयुग का जन्म दिन है. अर्थात अक्षय तृतीया से ही सतयुग प्रारंभ हुआ है. इस दिन का इंतजार देवतागण भी करते हैं. श्री शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म में दान का बहुत महत्व है. अक्षय तृतीया में गरीबों को भोजन करायें, द्रव्य, वस्त्र आदि का दान करें. इससे घर व परिवार में सुख-शांति मिलेगी.