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हाल कृषि बाजार समिति का : डेढ़ सौ मीटर सड़क की डर से आना नहीं चाहते चालक

देवघर: शहर एक मात्र कृषि बाजार समिति अपनी बर्बादी की बाट जोह रहा है. स्थानीय प्रशासनिक विभाग से लेकर जनप्रतिनिधि व सरकार तक को इसकी चिंता नहीं है. न ही विभाग इस बाजार को चमकाने के लिए प्रयासरत है. पांच साल पहले इस बाजार में हर दिन करीब चार सौ से पांच सौ ट्रक अलग-अलग […]

देवघर: शहर एक मात्र कृषि बाजार समिति अपनी बर्बादी की बाट जोह रहा है. स्थानीय प्रशासनिक विभाग से लेकर जनप्रतिनिधि व सरकार तक को इसकी चिंता नहीं है. न ही विभाग इस बाजार को चमकाने के लिए प्रयासरत है. पांच साल पहले इस बाजार में हर दिन करीब चार सौ से पांच सौ ट्रक अलग-अलग राज्यों से सब्जी, फल आदि लेकर आते थे.

वहीं वर्तमान में मार्केट की हालत की वजह से अब ट्रकों की संख्या काफी कम हो गयी है. मार्केट में प्रवेश करते ही करीब डेढ़ सौ से दो सौ मीटर का मुख्य सड़क पूरी तरह से जर्जर है. हर दिन इस रोड में बने गड्डे में ट्रक फंस जाते हैं. हर दिन 10 से 12 ट्रकों की पत्ती, बैरिंग आदि टूट जाते हैं. इस वजह से ट्रक चालक अब इस मार्केट में आने से कतराने लगे हैं. वर्तमान में यहां अब सौ से डेढ़ सौ ट्रक का आना होता है. विभाग बाजार के मुख्य सड़क तक को नहीं बना पा रही है.

क्या कहते हैं ट्रक चालक
बाजार में ट्रक ले जाने में काफी परेशानी हाेती है. डर लगा रहता है कि कहीं गाड़ी गड्ढे में ट्रक फंस न जाये.
-अक्षय लाल गिरी
हर बार ट्रक की पत्ती टूट जाती है. इससे परेशानी हाेती है. सरकार को मार्केट पर ध्यान देना चाहिए, तभी व्यापारी भी आयेंगे. -चंदन राउत
एक बार ट्रक अगर फंस जाये, तो निकलवाने में दो से तीन हजार खर्च हाे जाता है. इसी वजह से बाहर के ट्रक चालकों ने आना कम कर दिया है. -राजेंद्र झा
यहां आने में सबसे अधिक डर पत्ती-बैरिंग टूटने का रहता है. इतना रिक्स कवर कर लोग आना नहीं चाहते हैं.
-राजेश कुमार
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में बाजार समिति के पदाधिकारी रविरंजन ने बताया कि सरकार को मार्केट की बेहतरी के लिए रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. समिति के पास फंड कुछ भी नहीं है. दैनिक कर्मी को वेतन देने में भी परेशानी होती है. दुकान भाड़ा से हुए आय से वेतन व थोड़ा बहुत मेंटेनेंस का काम करा रहे हैं.

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