सारवां. देवघर से सारवां-सारठ जाने वाली सड़क से अगर आप गुजर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए, आप कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. यह सड़क कहने को तो नेशनल हाइवे संख्या -114 है, लेकिन गड्ढे में सड़क है या सड़क पर गड्ढे इसका पता नहीं चलता है. बरसात में गड्ढों में घुटने भर पानी भर जाता है. जिस कारण दो पहिया वाहन वाले धोखे से गड्ढे में उतर जाते हैं और दुर्घटना का शिकार होकर हाथ-पैर तुड़वा लेते हैं. लोग जम कर विभाग को कोसते हैं. इस सड़क से अधिकारी से लेकर सूबे के दो मंत्री एवं अन्य वरीय अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है. ग्रामीणों की मानें तो हर दूसरे दिन दुर्घटना होती रहती है.
वहीं यात्री वाहनों में सवार लोग अपनी जान को जोखिम में डाल कर सफर करने को बाध्य हैं. वाहन ऐसे हिचकोले खाते हैं कि अब पलटे कि तब पलटे. मालूम हो कि मुख्य पथ होने के कारण इस सड़क से प्रति दिन कोलकाता, बोकारो, आसनसोल,वर्द्धमान, टाटा, धनबाद, निरसा,गिरिडीह आदि के लिए भारी मालवाहक एवं यात्री वाहन तथा चार पहिया व दो पहिया वाहनों का दिन-रात आना-जाना लगा रहता है.
स्थानीय मुखिया रामकिशोर सिंह, जिप सदस्य कविता देवी, मुखिया प्रेमलता देवी, खुशबू कुमारी, बबीता देव्या, कौशल्या देवी, सरोज पासवान, पूर्व जिप सदस्य जितेंद्र सिंह के अलावा स्थानीय टुनटुन रवानी, रिंकू वर्णवाल,मंटू राय, कार्तिक पांडेय, जब्बार अंसारी, सिराज चौधरी, जयराम सिंह, प्रमोद राय, संजय राय, रवि सिंह, रवि पत्रलेख आदि ने सरकार व विभाग से अविलंब सारवां-सारठ एनएच सड़क की मरम्मत की मांग की है.
जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख ने कहा कि देवघर-सारवां-सारठ सड़क पहले स्टेट हाइवे थी. अब नेशनल हाइवे में तब्दील हो गयी है, लेकिन अभी तक इसका काम शुरू नहीं हो पाया है. इस कारण सड़क काफी जर्जर हो गयी. इसकी मरम्मत पीडब्ल्यूडी नहीं नहीं करवा रहा है. एनएच बनने तक कम से कम जिला प्रशासन इस सड़क की मरम्मत करवाये. फिलहाल गड्ढे से विभाग लोगों के राहत दिलाये.