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मैदान व जर्जर रसोइघर में बन रहा एमडीएम

प्रभात पड़ताल. जिले के अधिकांश सरकारी स्कूलों में नहीं है रसोइघर देवघर जिले में एमडीएम का हाल कुछ ठीक नहीं है. देवघर, देवीपुर, मोहनपुर, मधुपुर, करौं, सोनारायठाढ़ी, सारवां, पालोजोरी, सारठ, मारगोमुंडा में अधिकांश जगहों पर अस्थायी शेड या खुले में एमडीएम बन रहा है. जो मेनू सरकार ने तय किया है, उस अनुरूप खाना भी […]

प्रभात पड़ताल. जिले के अधिकांश सरकारी स्कूलों में नहीं है रसोइघर
देवघर जिले में एमडीएम का हाल कुछ ठीक नहीं है. देवघर, देवीपुर, मोहनपुर, मधुपुर, करौं, सोनारायठाढ़ी, सारवां, पालोजोरी, सारठ, मारगोमुंडा में अधिकांश जगहों पर अस्थायी शेड या खुले में एमडीएम बन रहा है.
जो मेनू सरकार ने तय किया है, उस अनुरूप खाना भी नहीं दिया जाता है. कई जगहों पर दाल में सिर्फ पानी ही पानी, हरी सब्जियों की जगह सिर्फ आलू की सब्जी बनी मिली. अभी भी एमडीएम की रसोई में कोयला या लकड़ी पर खाना बन रहा है. गैस कनेक्शन सभी जगहों तक नहीं पहुंचा है. प्रभात खबर ने जिले के आठ प्रखंडों के एक-एक स्कूल के मध्याह्न भोजन की पड़ताल की. पड़ताल में सरकार का निर्देश कुछ और धरातल पर कुछ और दिखा नजारा. प्रस्तुत है एमडीएम की पड़ताल करती जिले की रिपोर्ट :
प्लास्टिक तान बनता है भोजन
जसीडीह. मध्य विद्यालय चांदपुर में गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे मध्याह्न भोजन मेनु के अनुसार चावल, दाल तथा आलू परबल व सोयाबीन की सब्जी बनायी जा रहा थी. हालांकि किचन शेड नहीं रहने से यहां खुले में भोजन बनाया जा रहा था. विद्यालय का किचन शेड छोटा व रखरखाव के अभाव जर्जर हो चुका है. ऐसे में भोजन बनाने के लिए विद्यालय के बाहर बांस व प्लास्टिक का छप्पर बनाया गया है. जहां आसपास काफी गंदगी पसरी हुई थी. यहां भोजन बनाने के लिए गैस व लकड़ी से चूल्हे का उपयोग किया जाता है. प्रधानाध्यापक मंजू कुमारी महथा ने बताया कि विद्यालय का शेड छोटा है, इस कारण एक साथ सभी चूल्हा नहीं जल सकता है.
मध्याह्न भोजन से हरी सब्जी गायब
लकड़ी के चूल्हे पर बनता है एमडीएम
सारवां. प्रखंड क्षेत्र के कई स्कूलों में आज भी लकड़ी व कोयले के चूल्हे पर भोजन बनाया जा रहा है. दो दर्जन से अधिक स्कूलों में रसोई कक्ष में गंदगी फैली है. प्रभात खबर की टीम जब उप्रावि बाराटांड़ पहुंची तो वहां बच्चों के लिए दाल, भात व सब्जी लकड़ी के चूल्हे पर तैयार किया जा रहा था. इस क्रम में दोपहर एक बजे विशनपुर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में एमडीएम बंद पाया गया. स्कूल के सचिव से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा से ही राशि के अभाव में एमडीएम बंद पड़ा है. बताया गैस का पैसा नहीं है, कहां से कनेक्शन लेंगे.
बच्चों को नहीं मिल रहा पौष्टिक आहार
मारगोमुंडा : मध्य विद्यालय मारगोमुंडा में बच्चों को मध्याह्न भोजन तो मिलता है, लेकिन पौष्टिक आहार बच्चों को नसीब नहीं हो रहा है. इस विद्यालय में मेनू के अनुरूप एमडीएम नहीं बनता है. गुरुवार को बच्चों के बीच चावल-दाल व हरी सब्जी दी गयी. लेकिन पौष्टिक आहार के रूप में अंडा या फल नहीं दिया गया. बच्चों ने बताया कि पांच माह से अंडा या फल नहीं मिल रहा है. चापानल के पास शॉट पिट नहीं होने के कारण पानी का जमाव विद्यालय परिसर में ही होता है. विद्यालय के अध्यक्ष नारायण यादव ने बताया कि राशि के अभाव में पौष्टिक आहार बच्चों को नहीं मिल पा रहा है.
10 दिनों से मध्याह्न भोजन बंद
करौं. डिंडाकोली पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय लचनाडीह में चावल के अभाव में 10 दिनों से मध्याह्न भोजन बंद है. विद्यालय में 209 नामांकित बच्चों में से गुरुवार को 170 बच्चे पहुंचे थे. लेकिन, एमडीएम नहीं बनने के कारण मूल्यांकन परीक्षा देकर बच्चे खाना खाने के लिए घर चले गये. एमडीएम बंद रहने से बच्चों की उपस्थिति पर असर पड़ रहा है. बच्चों ने बताया कि चार माह से भोजन से अंडा गायब है. इधर विद्यालय के एचएम पूरन मंडल ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद चावल नहीं मिलने के कारण एमडीएम बंद है.
बरामदे पर बन रहा है एमडीएम
सोनारायठाढ़ी. प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय दामाकुंडा में किचेन शेड के अभाव में एमडीएम बरामदे पर बनाया जाता है. बच्चों को भोजन भी वहीं पर कराया जाता है. विद्यालय में कुल 80 छात्र नामांकित हैं. इसमें आधा से अधिक बच्चे उपस्थित थे. गुरुवार को एमडीएम के रूप में बच्चों के बीच दाल-भात सब्जी परोसी गयी. वहीं विद्यालय के सचिव मुकुंद प्रसाद यादव ने बताया कि राशि के अभाव में बच्चों के बीच फल व अंडा एक माह से नहीं दिया जा रहा है.
दाल कम, पानी ज्यादा, चोखा भी कम
सारठ. प्रखंड के उमवि गोपीबांध में नामांकित 137 छात्रों में 96 उपस्थित थे. एमडीएम में चावल, दाल व चोखा दिया गया था. रसोइया बॉबी देव्या व मालती देवी ने बताया कि आज का मेनू यही है. परोसा गये दाल में पानी की मात्रा ज्यादा थी. रसोइया ने कहा कि अप्रैल से मानदेय भी नहीं मिला है. बावजूद इसके बच्चों को समय पर भोजन मिल सके. इसका हमेशा प्रयास रहता है. स्कूल में किचन नहीं है, इस कारण बरामदे पर ही मध्याह्न भोजन बनाते हैं.
तय कुछ, बनता है कुछ और खाना
मोहनपुर. उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय छोटा जनाकी में गुरुवार को स्कूल छात्रों के बीच मेनू के अनुसार एमडीएम नहीं दिया गया था. बच्चों को अल्पाहार में तो कुछ भी नहीं दिया गया था. एमडीएम में केवल दाल, चावल और सब्जी बनाया गया, जबकि मेनू के अनुसार हरी सब्जी देना था. स्कूल के सचिव लक्ष्मी नारायण राउत ने बताया कि मेनू के अनुसार एमडीएम बनाने के लिए संयोजिका व रसोइया को बार-बार निर्देश देने के बाद भी सुधार नहीं किया जा रहा है.

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