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कैसे मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: एएनएम स्कूल व बीएड कॉलेज का एक जैसा हाल, दो शिक्षकों के भरोसे चलता है एएनएम स्कूल

देवघर: शिक्षकों के अभाव में एएनएम स्कूल बंद करना पड़ता है. कई बार पत्राचार किये जाने के बाद भी इस मामले को विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया. एक प्राचार्य व एक शिक्षक के भरोसे स्कूल चल रहा है. फिलहाल यहां कुल 56 छात्राएं अध्ययनरत हैं. प्रथम वर्ष में 28 व दूसरे वर्ष में 29 […]

देवघर: शिक्षकों के अभाव में एएनएम स्कूल बंद करना पड़ता है. कई बार पत्राचार किये जाने के बाद भी इस मामले को विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया. एक प्राचार्य व एक शिक्षक के भरोसे स्कूल चल रहा है. फिलहाल यहां कुल 56 छात्राएं अध्ययनरत हैं. प्रथम वर्ष में 28 व दूसरे वर्ष में 29 छात्राएं हैं. फाइनल इयर की छात्राओं को आवासीय हाउस ट्रेनिंग के लिए मोहनपुर व जसीडीह सीएचसी भेजा गया है. वहीं प्रथम वर्ष की छात्राओं का क्लास भी चलता है. बीच-बीच में प्राचार्य मीरा हेंब्रम व सिस्टर ट्यूटर लक्ष्मी कुमारी को मोहनपुर व जसीडीह सीएचसी भी जाना पड़ता है. जिस दिन वे लोग फाइनल इयर की छात्राओं के पास जाती हैं, उस दिन प्रथम वर्ष की छात्राओं का क्लास सस्पेंड करना पड़ना पड़ता है.
नये बैच के लिए 18 छात्राएं नामांकित
इधर नये बैच के लिए एएनएम स्कूल में 18 छात्राओं का नामांकन हो चुका है. बाकी बाकी सीटों पर नामांकन के लिए दोबारा काउंसेलिंग होनी है. नये बैच में नवंबर से क्लास शुरू होगा. एएनएम स्कूल में नये व पुराने बैच की छात्राओं के लिये अलग-अलग दो क्लास रूम हैं. एक क्लास रूम के लिए तीन-तीन सिस्टर ट्यूटर की जरूरत होती है.
दो नर्सों की प्रतिनियुक्ति थी एएनएम स्कूल में : करीब दो साल से एएनएम स्कूल में दो ए ग्रेड नर्स की प्रतिनियुक्ति थी. इधर सावन मेला के पूर्व दोनों ए ग्रेड नर्सों को वापस सदर अस्पताल बुला लिया गया था. फिर एएनएम स्कूल की प्राचार्य मीरा हेंब्रम ने विभाग को लगातार पत्राचार किये जाने के बाद सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल की एक ए ग्रेड नर्स की प्रतिनियुक्ति सिस्टर ट्यूटर के तौर पर एएनएम स्कूल में की है. इस ए ग्रेड नर्स को सदर अस्पताल की ओर से विरमित ही नहीं किया जा रहा है.
जुलाई से कर्मियों को नहीं मिला है वेतन : एएनएम स्कूल के प्राचार्य समेत शिक्षक व स्टाफ को जुलाई माह से वेतन नहीं मिला है. इनका दशहरा दशहरा भी फीका रह जायेगा. स्कूल में एक प्राचार्य, एक शिक्षक, एक चालक व तीन चतुर्थवर्गीय हाउस कक्ष सेवक कार्यरत हैं. आवंटन के अभाव में इन लोगों को तीन माह से वेतन नहीं मिल सका है एक सिस्टर ट्यूटर के भरोसे क्लास चलता है. दो क्लास रूम के लिये छह सिस्टर ट्यूटर की आवश्यकता है, किंतु विभाग का इस पर कोई ध्यान ही नहीं है. लगातार सीएस कार्यालय व निदेशालय में पत्राचार करने पर भी कोई असर नहीं.
कहती हैं प्राचार्य
प्राचार्य मीरा हेंब्रम का कहना है कि छात्राओं के पठन-पाठन के अलावा कार्यालय के कार्य का भी बोझ है. ऐसे है. ऐसे में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वेतन भुगतान के संबंध में सीएस समेत विभागीय अधिकारियों को उन्होंने पत्र भेजा है. उम्मीद की जानी चाहिये कि समस्या का समाधान होगा.

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