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देवघर : चितरा में आउटसोर्सिंग कंपनी के वाहनों व मशीनों को ग्रामीणों ने किया क्षतिग्रस्त

आउट सोर्सिंग कंपनी के निदेशक रवि रंजन चौबे ने कहा कि शांति के साथ ग्रामीण प्रबंधन के साथ वार्ता करे. सभी समस्याओं का हल निकाला जायेगा. निदेशक ने बताया कि उग्र लोगों ने डोजर, जेसीबी और डंपर को क्षतिग्रस्त कर दिया है. तोड़फोड़ की घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.

देवघर : चितरा कोलियरी के विस्थापित गांव तुलसीडाबर के सैंकड़ों उग्र ग्रामीणों ने अपनी मांग को लेकर हरवे हथियार से लैस होकर गुरुवार दोपहर दमगढ़ा नयी कोल परियोजना में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी का काम बंद करा दिया, साथ ही आक्रोशित ग्रामीणों ने डंपर, जेसीबी व डोजर का शीशा तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया. ग्रामीणों ने काम कर रहे कर्मियों को भी खदेड़ कर भगा दिया, जिससे कार्यस्थल पर अफरा तफरी का माहौल मच गया. आउटसोर्सिंग का कार्य करीब एक महीने से बंद था. ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी मांगों को पूरा किये बिना फिर से कार्य चालू कर दिया और उनसे वार्ता भी नहीं की. वहीं इस दौरान घटनास्थल पर मौजूद पत्रकारों ने कहा कि ग्रामीणों ने फोटो खींचने से रोका और कई पत्रकारों का मोबाइल छिनने का प्रयास किया. वहीं घटना की सूचना मिलने पर घटनास्थल पर स्थानीय पुलिस पहुंची. उसके बाद ग्रामीण वहां से हटे. इस बीच शाम को आउटसोर्सिंग कंपनी के प्रतिनिधि ने स्थानीय पुलिस व दर्जनों सीआइएसएफ जवानों की सुरक्षा में फिर से काम चालू करवाया. आक्रोशित ग्रामीणों का आरोप है कि मुआवजा दिये बगैर आउटसोर्सिंग कंपनी ने कोलियरी प्रबंधन के निर्देश पर काम चालू कराया था, जिसे बंद कराया गया. कहा कि जब तक मुआवजा नहीं दिया जायेगा तब तक किसी भी हाल में आउटसोर्सिंग कंपनी का काम चलने नहीं दिया जायेगा. इस संबंध में आउट सोर्सिंग कंपनी के निदेशक रवि रंजन चौबे ने कहा कि शांति के साथ ग्रामीण प्रबंधन के साथ वार्ता करे. सभी समस्याओं का हल निकाला जायेगा. निदेशक ने बताया कि उग्र लोगों ने डोजर, जेसीबी और डंपर को क्षतिग्रस्त कर दिया है. तोड़फोड़ की घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. कंपनी चलेगी तो स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और विकास भी होगा.


थाने के सामने भी धरने पर बैठे आक्रोशित ग्रामीण

आउटसोर्सिंग कंपनी का काम बंद कराने और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर तुलसीडाबर गांव के दर्जनों महिला पुरुष, बच्चों ने डुगडुगी बजाते हुए जुलूस निकाला और चितरा पुलिस थाना पहुंचे. प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गये. थाना के बाहर ग्रामीण घंटों जम रहे. उसके बाद चितरा पुलिस के समझाने व कार्रवाई का आश्वासन दिये जाने के बाद आक्रोशित ग्रामीण वापस लौट गये. मामले में ग्रामीण राजीव मरांडी समेत अन्य ने कहा कि पिछले माह हमारे गांव के रैयत के साथ कोलियरी के अधिकारियों ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मारपीट की थी. वहीं आउट सोर्सिंग कंपनी के लोगों ने बंदूक दिखाकर मारपीट व गाली गलौज किया था. बताया कि गत 28 अक्टूबर और 13 नवंबर को ग्रामीणों की ओर से थाने में लिखित शिकायत दी गयी थी. 16 नवंबर को एसपी को भी आवेदन दिया गया था. लेकिन अभी तक एक भी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस ने नहीं की. वहीं जबरन आउटसोर्सिंग कंपनी हम लोगों की जमीन पर काम कर रही है. कहा बिना एग्रीमेंट किये जमीन पर ओबी डंप बनाया जा रहा है. कहा कि आरोपियों की गिरफ्तार नहीं होने तक आउटसोर्सिंग कंपनी का काम बंद होना रहेगा. वहीं रैयतों को मुआवजा भी दें. ग्रामीणों ने कहा कि कोलियरी प्रबंधन ग्राम सभा करें और रैयतों के साथ वार्ता करें तभी काम करने दिया जायेगा.

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