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बक्सर से कोलकाता व गिरिडीह के बूचड़खानों तक पशु सप्लाई, जगदीशपुर बन रहा अवैध पशु कारोबार का बड़ा केंद्र

जगदीशपुर में बिहार के बक्सर व चौसा से बड़े पैमाने पर चकाई व देवीपुर होते हुए पशुओं की बड़ी खेप पहुंच रही है. प्रत्येक गुरुवार को जगदीशपुर में ट्रक के जरिये गाय, बैल, बाछा आदि पहुंचाये जा रहे हैं. यहां से प्रत्येक सप्ताह करीब छह से आठ करोड़ रुपये के पशुओं का कारोबार होता है.

संताल परगना से बांग्लादेश तक पशुओं की तस्करी के साथ-साथ देवघर के रास्ते कोलकाता व गिरिडीह के बूचड़खाने में पशुओं की तस्करी हो रही है. मधुपुर से कुछ दूरी पर बुढ़ई थाना क्षेत्र अंतर्गत जगदीशपुर इन दिनों पशुओं का बड़ा हाट के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है.

एक सप्ताह में 6 से 8 करोड़ का पशु कारोबार

सूत्रों के अनुसार, जगदीशपुर में बिहार के बक्सर व चौसा से बड़े पैमाने पर चकाई व देवीपुर होते हुए पशुओं की बड़ी खेप पहुंच रही है. प्रत्येक गुरुवार को जगदीशपुर में ट्रक के जरिये गाय, बैल, बाछा आदि पहुंचाये जा रहे हैं. यहां से प्रत्येक सप्ताह करीब छह से आठ करोड़ रुपये के पशुओं का कारोबार होता है.

रात में होती है पशुओं की तस्करी

रात में अधिकांश पशुओं को ट्रकों में लोड कर चितरा, जामताड़ा व गोविंदपुर जीटी रोड के रास्ते कोलकाता के लाइसेंसी बूचड़खाने में भेज दिया जाता है, जबकि कुछ पशुओं की खेप ट्रकों में लोड कर गांडेय व अहिल्यापुर के रास्ते गिरिडीह के अलग-अलग इलाके में भेजी जा रही है.

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गिरिडीह में चोरी-छिपे चलाये जा रहे बूचड़खाने

सूत्रों के अनुसार, गिरिडीह के अलग-अलग इलाके में करीब आधा दर्जन अवैध बूचड़खाने चोरी-छिपे चलाये जा रहे हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर पशुओं को खपाया जा रहा है. कोलकाता व गिरिडीह के बूचड़खानों में अधिकांश बक्सर इलाके के पशुधन को पसंद किया जा रहा है, लेकिन पशु व्यापारियों को जगदीशपुर हाट से कई गुणा अधिक कमाई बांग्लादेश भेजने में होती है, इस कारण पशु व्यापारी मोहनपुर व हिरणपुर हाट में अधिक पशुओं को भेजते हैं.

हिरणपुर के 150 पशु व्यापारियों ने फैला रखा है सिंडिकेट

बताया जाता है बक्सर से कोलकाता व बांग्लादेश तक पशु के इस अवैध कारोबार में सिर्फ पाकुड़ के हिरणुपर के 150 पशु व्यापारी जुड़े हैं, जो पूरे सिंडिकेट के साथ इस धंधे में पैर फैला चुके हैं. हालांकि, संताल परगना प्रमुख हाट में सिमरामोड़, मोहनपुर हाट, जगदीशपुर हाट, हिरणपुर हाट व दुमका से भी 15 से 20 व्यापारी सक्रिय रूप से इस पशु तस्करी के कारोबार से जुड़े हैं.

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डॉ निशिकांत दुबे बोले : तेजीसे बढ़ रहा है अवैध धंधा

झारखंड में गौ तस्करी पर रोक के बावजूद पिछले तीन वर्षों में तेजी से यह अवैध धंधा बढ़ा है. अलग-अलग रास्ते से झारखंड से गाय बांग्लादेश तक भेजी जा रही है. यह अंतरारष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है, निश्चित रूप से एनआइए से जांच होनी चाहिए. इस अवैध कारोबार में मनी लाउंड्रिंग की संभावना है, इसकी इडी से भी जांच की मांग की जा रही है. मैंने सभी गौ भक्तों से अनुरोध किया है कि संताल परगना के रास्ते बांग्लादेश भेजे जा रहे गोवंश की रक्षा करें व गोवंश को पकड़कर नजदीक के थाने में जमा करायें. गोवंश को पकड़ने के उपरांत हम अपने स्तर से पशु चारा, घास, पुआल, कंबल, हीटर की व्यवस्था करायेंगे.

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