प्रतिनिधि,चतरा
समाहरणालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में पोस्ता की खेती की रोकथाम व विनष्टीकरण को लेकर बैठक हुई. जिसमें सीआइडी आइजी असीम विक्रांत मिंज व बोकारो रेंज के आइजी सुनील भास्कर, उपायुक्त कीर्तिश्री जी, एसपी सुमित कुमार अग्रवाल, हजारीबाग एसपी अंजनी अंजन शामिल हुए. इस दौरान पोस्ता की खेती पर रोकथाम, क्षेत्र में की गयी पोस्ता की खेती को पूरी तरह नष्ट करने व पोस्ता की खेती करने व कराने वालों पर कार्रवाई लेकर रणनीति बनी. अधिकारियों ने क्षेत्र में किये गये पोस्ता की खेती की जानकारी ली. सभी पुलिस पदाधिकारियों को क्षेत्र में पोस्ता की खेती नहीं होने देने का सख्त निर्देश दिया गया. जिस क्षेत्र में पोस्ता की खेती की गयी, वहां पूरी तरह नष्ट करने का निर्देश दिया. साथ ही एनडीपीएस एक्ट के कांडों की समीक्षा कर पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया.
जानकारी ही साइबर क्राइम से बचाव
सीआईडी आईजी ने कहा कि साइबर व नारकोटिक्स दोनो पर विशेष नजर है. जानकारी ही साइबर क्राइम से बचाव है. लोगो को जागरूक होने की जरूरत है. साइबर ठगों के क्षेत्र को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है. प्रतिबिंब ऐप के माध्यम से साईबर ठगो की पहचान की की जा रही है. लगातार कार्रवाई का नतीजा हैं कि आज जामताड़ा साइबर क्राइम के लिस्ट में टॉप टेन से हट गया है.
23 वर्षो से हो रही हैं पोस्ते की खेती
जिले में पोस्ता की खेती 23 वर्षो से हो रही है. शुरूआत वर्ष 2002 में गिद्धौर व पत्थलगड्डा थाना क्षेत्र से हुई थी, जो धीरे-धीरे जिले के अन्य थाना क्षेत्रो में पोस्ता की खेती शुरू हुई. कुंदा, लावालौंग, चतरा, प्रतापपुर, हंटरगंज, सिमरिया, टंडवा, राजपुर, वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हर वर्ष खेती की जाती है. जहां पोस्ते की खेती की शुरूआत हुई थी, वहां ज्यादा दिनो तक खेती नहीं हुई. दो-चार सालो में पोस्ता की खेती बंद हो गयी. हालांकि पुलिस विनष्टीकरण अभियान चला कर हर वर्ष सैकड़ो एकड़ में लगी पोस्ता की खेती को नष्ट करती है.
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