चतरा. मुस्लिम धर्मावलंबियों ने शुक्रवार को काला बिल्ला (काला पट्टी) लगा कर वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया. उनका कहना था कि यह बिल मुस्लिमों के हित में नहीं है. जब तक केंद्र सरकार इस बिल को वापस नहीं ले लेती, विरोध जारी रहेगा. वक्फ संशोधन बिल एक गहरी साजिश है, जिसका स्पष्ट उद्देश्य मुसलमानों को उनकी मस्जिद, ईदगाह, मदरसा, दरगाहों, खानकाहों, कब्रिस्तानों व अन्य धार्मिक, सामाजिक संस्थान से बेदखल करना है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के आह्वान पर काला बिल्ला लगाया गया. सभी लोग घरों से अपने हाथ पर काली पट्टी बांध कर मस्जिद पहुंचे और शांतिपूर्ण विरोध किया. नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर बिल के प्रति नाराजगी व असहमति जाहिर की. शहर-ए-काजी मुफ्ती नजरे तौहीद ने कहा कि यह बिल हमारे समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है. वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव अस्वीकार्य है. इसे लेकर काला बिल्ला लगा कर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया गया. साथ ही लोगो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्वीटर) पर भी तस्वीर डाल कर विरोध जताया. चतरा शहर के साथ-साथ जिले अन्य प्रखंडों के मुस्लिम धर्मावलंबियों ने काला बिल्ला लगा कर विरोध किया.
काला पट्टी बांध कर किया विरोध
इटखोरी. वक्फ संशोधन बिल का मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को काला पट्टी बांधकर विरोध किया. मोमिन कांफ्रेंस के नेता मोहम्मद मोजाहिर ने कहा कि केंद्र सरकार तत्काल इस बिल को वापस ले, अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. यह बिल मुस्लिम समुदाय की धार्मिक आस्था के खिलाफ है. विरोध करनेवालों में जेएमएम सचिव मकसूद आलम आदि के नाम शामिल हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

