चतरा. टीएसपीसी के दो इनामी एरिया कमांडर ने हथियार व गोली के साथ शुक्रवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. सरेंडर करनेवालों में कुंदा थाना क्षेत्र के अनगड़ा गांव निवासी रोहनी गंझू उर्फ रोहनी सिंह उर्फ रोहनी पाहन व कोजरम गांव के कुलदीप गंझू उर्फ पत्थर उर्फ कुणाल शामिल हैं. दोनो पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. रोहनी पाहन ने एक एसएलआर राइफल, 82 राउंड कारतूस व कुणाल ने एक सेमी राइफल, 103 राउंड कारतूस के साथ सरेंडर किया. बोकारो रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुनील भास्कर, एसएसबी के डीआइजी मानवेंद्र नेगी, उपायुक्त कीर्तिश्री जी व एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने दोनों को सरेंडर की राशि एक-एक लाख रुपये का चेक सौंपा. साथ ही दोनों नक्सलियों को अधिकारियों ने माला पहनाकर व शॉल ओढ़ाकर मुख्यधारा में लौटने पर स्वागत किया. आइजी ने कहा कि झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर दोनों एरिया कमांडर ने सरेंडर किया है. झारखंड सरकार नक्सल मुक्त अभियान चला रही है. इसके प्रभाव में आकर दोनों ने सरेंडर किया है. दोनों को इनाम की राशि दी गयी है. दोनों के संपर्क के नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. उन्होंने नक्सलियों से आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठा कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है. मौके पर चतरा एसडीपीओ संदीप सुमन, सिमरिया एसडीपीओ शुभम खंडेलवाल, डीएसपी मुख्यालय अमिता लकड़ा, जिला नियोजन पदाधिकारी मनु कुमार के अलावा सदर थाना प्रभारी विपिन कुमार, कुंदा थाना प्रभारी प्रिंस कुमार समेत कई उपस्थित थे. योजनाओं की दी जायेगी लाभ: डीसी उपायुक्त ने कहा कि सरेंडर करनेवाले नक्सली व उसके परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जायेगा. इनाम की राशि के साथ-साथ जमीन, बच्चों को शिक्षा, रोजगार के लिए लोन, बीमा समेत अन्य का लाभ दिया जायेगा. इसके अलावा सरकार के अन्य महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ दिया जायेगा. उन्होंने शेष नक्सलियों से मुख्यधारा में जुड़कर बेहतर जिंदगी जीने की अपील की. नक्सल मुक्त को लेकर कार्रवाई जारी: डीआइजी एसएसबी के डीआइजी ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बचे नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने की बात कही. आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठायें नक्सली: एसपी एसपी ने कहा कि चतरा में नक्सल समाप्ति की ओर है. सरेंडर करनेवाले नक्सलियों के परिजनों को आत्मसमर्पण नीति के बारे में जानकारी दी गयी. साथ ही उन्हें मॉटिवेट किया. इसके बाद दोनों नक्सलियों ने सरेंडर किया है. उन्होंने शेष बचे नक्सलियों को मुख्यधारा में जुड़कर आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील की.
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