हंटरगंज. गरीब किसान ने खेती-बारी और मजदूरी कर खून पसीने की मेहनत से अपनी पत्नी को पढ़ा-लिखाकर एएनएम बनाया, ताकि परिवार और बच्चों का भविष्य उज्जवल हो. लेकिन, जब पति की मेहनत से पत्नी एएनएम बन गयी, तब पत्नी ने पति से किनारा करते हुए साथ छोड़ने का फैसला कर लिया. इसे लेकर बिहार के गया जिला अंतर्गत बांके बाजार निवासी उमेश रजक ने सिविल सर्जन को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. बताया जाता है कि पांच जून-2002 को उमेश रजक की शादी हंटरगंज थाना क्षेत्र के मायापुर गांव निवासी रेणु कुमारी से हुई थी. दोनों की तीन पुत्रियां भी हैं. परिवार की स्थिति और मजबूत हो, इसे लेकर कड़ी मेहनत से खेती और मजदूरी कर उमेश ने पत्नी एएनएम का कोर्स कराया. मेहनत के बाद पत्नी की नौकरी अनुबंध पर लग गयी. फिलहाल पत्नी हंटरगंज प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरिया में पदस्थापित है. नौकरी लगने के बाद से ही पति-पत्नी में खटपट शुरू हो गयी. पति के 2018 में हंटरगंज थाना में समझौता हुआ. इसके बाद एक साल सबकुछ ठीक रहा. 2019 में पत्नी हंटरगंज में ही घर बनाने लगी. इसे लेकर रेणु ने पति से पैसे की मांग की. पैसा देने में असमर्थता जाने पर रेणु ने पहले पति से बातचीत बंद की. बच्चियों से भी दूरी बना दी. पति के अनुसार पत्नी के इस रवैये से वह परेशान हैं. उमेश रजक ने सिविल सर्जन व हंटरगंज चिकित्सा पदाधिकारी से मामले को संज्ञान में लेकर दोनों को मिलाने की मांग की है. साथ ही हंटरगंज से हटा कर दूसरे प्रखंड में पत्नी को भेजने की मांग की, ताकि एक साथ जीवन व्यतीत कर सके.
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