चतरा. पत्थलगड्डा प्रखंड में इन दिनों हाथी शाम ढलते ही गांव में पहुंच कर उत्पात मचा रहा है. खेतों में लगी फसलों को खाकर और रौंद कर बर्बाद कर रहा है. जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रही है. एक सप्ताह से दो जंगली हाथी प्रखंड के नावाडीह बाजोबार स्थित चरहेत, बनजारी जंगल में जमे हुए हैं. दिन में वे जंगलों में रहते है. शाम ढलते ही गांव की ओर रुख कर लेते हैं. शनिवार की रात दो हाथी उक्त गांव के किसान राजकुमार दांगी के खेत में लगी ईख की फसल को खा गया. चौथा गांव के त्रिभुवन दांगी के दो एकड़ में लगी प्याज और आशीष दांगी की गेहूं की फसल को रौंद कर बर्बाद कर दिया. बाद में ग्रामीणों ने मशाल जलाकर व पटाखा फोड़ कर हाथियों को भगाया. ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों को खदेड़ने के बाद वे पास के जंगल में जाकर डेरा डाल देते हैं. फिर शाम होते ही गांव में आ जाते हैं. हमेशा जान-माल के नुकसान का भय बना रहता है. वन विभाग द्वारा हाथियों को दूसरे जंगल में खदेड़ने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है. वहीं डीएफओ मुकेश कुमार ने बताया कि हाथियों का आशियाना उजड़ता जा रहा है. तरह-तरह के प्रोजेक्ट क्षेत्र में आ रहा है, जिसके कारण जंगल कम होते जा रहे हैं. यही वजह है कि हाथी गांवों की ओर रुख कर रहे है. उन्होंने लोगों से हाथियों को परेशान नहीं करने की बात कही. हाथी परेशान होंगे, तो नुकसान पहुंचायेंगे. हाथियों से होने वाले नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिया जायेगा.
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