चतरा : लावालौंग वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र मंे जंगली जानवरों के प्यास बुझाने के लिए बनाये गये कई चेकडैम में पानी नहीं है. इस कारण पानी की तलाश में जंगली जानवरों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है़ पानी की तलाश में गांव आनेवाले जानवर यहां ग्रामीणों के हाथों मारे भी जाते हैं.
बांदु की धोबनी नदी में पांच-पांच लाख की लागत से दो चेकडैम बनाया गये़ इसके पूर्व पारामातू क्षेत्र में 2009 में पांच लाख की लागत से चेकडैम बनाया गया था़ यह चेकडैम भी सूखा पड़ा है़ वहीं ग्रामीणों का कहना है कि चेकडैम के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी है. जंगली जानवर यहां पानी पीने नहीं आते़ इन दिनों वन प्राणी आश्रयणी क्षेत्र मंे अधिकांश नदी-नालों के सूख जाने से जल स्तर काफी नीचे चला गया है़ इस कारण अधिकांश कुआं व तालाब सूख गये हैं
इस संबंध में रेंजर विश्वनाथ सोरेन ने बताया कि बांदु में चेकडैम का निर्माण कुछ माह पहले कराया गया़ चेकडैम बनने के बाद बारिश नहीं हुई है़ इस कारण चेकडैम में पानी नहीं है़ वहीं विभाग की ओर से टेवना में बनाये गये चेकडैम में चार-पांच फीट पानी है़