फोटो ़ चतरा. इटखोरी महोत्सव से चतरा को ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान मिलेगी़ सांसद सुनील सिंह व जिला प्रशासन के अधिकारियों की मेहनत से इटखोरी का भद्रकाली मंदिर भारत के मानचित्र पर दिखेगा़ तीन दिवसीय इटखोरी महोत्सव से चतरा की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन गया है़ देश-विदेश के लोग महोत्सव में भाग ले रहे हैं़ यह स्थल तीनों धर्म हिंदू, बौद्ध व जैन का समागम है़ चतरा की पहचान अब अहिंसा परमो धर्म के रूप में होगी़ बौद्ध व जैन धर्म के लोगों ने भदुली पहुंच कर यहां के लोगों को आपसी प्रेम का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया है़ गौतम बुद्ध का उपदेश जिलेवासियों को सुनाया जा रहा है. लोगों से हिंसा का रास्ता छोड़ कर मुख्य धारा से जुड़ने की अपील की जा रही है. इटखोरी के साथ-साथ जिले के अन्य धार्मिक स्थल हंटरगंज के कौलेश्वरी मंदिर, सिमरिया का भवानी मठ, कुंदा का महादेव मठ, पत्थलगड्डा का लेंबोइया मंदिर व चाडरम मंदिर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की संभावना बढ़ गयी है.
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इटखोरी महोत्सव से चतरा को मिलेगी धार्मिक व ऐतिहासिक पहचान
फोटो ़ चतरा. इटखोरी महोत्सव से चतरा को ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान मिलेगी़ सांसद सुनील सिंह व जिला प्रशासन के अधिकारियों की मेहनत से इटखोरी का भद्रकाली मंदिर भारत के मानचित्र पर दिखेगा़ तीन दिवसीय इटखोरी महोत्सव से चतरा की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन गया है़ देश-विदेश के लोग महोत्सव में भाग ले […]
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