चक्रधरपुर.
राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर शुक्रवार को चक्रधरपुर स्टेशन में रेलकर्मियों का सामूहिक गायन आयोजित किया गया. मंडल रेल प्रबंधक तरुण हुरिया और रेलकर्मियों ने सामूहिक रूप से राष्ट्रगान वंदे मातरम का गायन कर युवा पीढ़ी को देशभक्ति की भावना से प्रेरित किया. इस दौरान चक्रधरपुर के वीआइपी गेट में नई दिल्ली से प्रसारित स्मरणोत्सव समारोह का सीधा प्रसारण किया गया. डीआरएम समेत रेलकर्मियों ने प्रधानमंत्री का संदेश सुना. चक्रधरपुर में डीसीए के कलाकार झिमली चटर्जी, बापोन चौधरी, राजेश कुमार व राजीव शुक्ला ने देशभक्ति जगाया. इस मौके पर डीआरएम तरुण हुरिया ने वंदे मातरम् श्रद्धा, समर्पण और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है.इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुब्रत मिश्रा, आरपीएफ के सहायक उपायुक्त एसी सिन्हा, मंडल कार्मिक अधिकारी अमरेंद्र नाथ मिश्रा, आरपीएफ ओसी कमलेश सोरेन, सहायक वाणिज्य अधिकारी अशुतोष सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद थे.भगवान बिरसा मुंडा की फोटो गैलरी का उद्घाटन :
चक्रधरपुर स्टेशन के वीआइपी गेट के पास शुक्रवार को जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा के तहत भगवान बिरसा मुंडा की फोटो गैलरी लगायी गयी. डीआरएम तरुण हुरिया की मौजूदगी में सेवानिवृत्त रेलकर्मी दामू पूर्ति ने भगवान बिरसा गैलरी का उद्घाटन किया. श्री पूर्ति ने भगवान बिरसा के परिधान में आकर जनजातीय व संस्कृति का सम्मान किया. इस दौरान सहायक कार्मिक अधिकारी मो इबरार ने जनजातीय नायक भगवान बिरसा, उनकी संस्कृति व योगदान पर प्रकाश डाला.डीआरएम ने चक्रधरपुर स्टेशन का निरीक्षण किया :
कार्यक्रम के बाद डीआरएम तरुण हुरिया ने चक्रधरपुर स्टेशन के विकास कार्यों का जायजा लिया. स्टेशन की साफ-सफाई व्यवस्था, रेलकर्मियों की कार्यशैली व यात्रियों को मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली. इस दौरान रेलवे के इंजीनियरों को स्टेशन की सौंदर्यीकरण के लिये जरूरी निर्देश दिये. साथ ही कार्यों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया.
स्वतंत्रता आंदोलन की आत्मा है वंदे मातरम्
चिरिया. चिरिया पुलिस की ओर से अंकुवा हाइस्कूल में बच्चों के बीच राष्ट्रगीत वंदे मातरम का 150 वीं वर्षगांठ मनायी गयी. इस अवसर राष्ट्रगीत गाया गया. ओपी प्रभारी वाहिद अंसारी ने कहा देश की राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के आज 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं. सात नवंबर 1875 को बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखी गई यह रचना भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की आत्मा बन गयी थी. यह गीत केवल एक कविता नहीं, बल्कि भारत की एकता, त्याग और मातृभूमि के प्रति अटूट श्रद्धा का प्रतीक है. मौके पर 112 नंबर टोल फ्री नंबर की बारीकियों को विस्तृत किया गया. मौके पर स्कूल के शिक्षक और बच्चे मौजूद थे.
वंदे मातरम् स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक : डॉ शिव प्रसाद महतोचक्रधरपुर. मधुसूदन महतो टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, चक्रधरपुर में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर सामूहिक गान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रभारी खुशबू कुमारी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर किया. इसके बाद कॉलेज के सभी शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और विद्यार्थी एक स्वर में ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गान प्रस्तुत किया. देशभक्ति से ओतप्रोत गीत की गूंज से पूरा कॉलेज परिसर राष्ट्रीय भावना और उत्साह से भर गया. विद्यार्थियों ने देश के प्रति प्रेम, निष्ठा और गर्व की भावना का अद्भुत प्रदर्शन किया. कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष सह मुख्य वक्ता डॉ. शिव प्रसाद महतो ने ‘वंदे मातरम्’ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है और इसने असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया.
वंदे मातरम् भारतीय अस्मिता का प्रतीक :
राजा राम धनवार : एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी राजा राम धनवार ने अपने संबोधन में कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारतीय अस्मिता, एकता और त्याग की भावना का जीवंत प्रतीक है. उन्होंने विद्यार्थियों को सामूहिकता, अनुशासन और राष्ट्र सेवा के प्रति सदैव तत्पर रहने का आह्वान किया. सहायक प्रधानाध्यापक नितीश कुमार दास ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए शिक्षकों, विद्यार्थियों और अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ. कार्यक्रम में प्रबंधन समिति के सदस्य शशि भूषण महतो, उमेश चंद्र महतो, प्राचार्य प्रभारी खुशबू कुमारी, विभागाध्यक्ष डॉ. शिव प्रसाद महतो, डॉ. गणेश कुमार, नितेश प्रधान, अनिल प्रधान, नीतीश कुमार दास, शियोन बारला, अमित महतो, त्रिलोचन महतो और सुनीता केराई उपस्थित थे.
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