सोनुआ. ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन-2026 के तहत चाईबासा में भी 15 दिसंबर से सर्वे हो रहा है. जिले के सारंडा, पोड़ाहाट, कोल्हान और चाईबासा वन प्रमंडल में 250 से अधिक वनकर्मी बाघों की गणना के लिए उनके पदचिह्न की तलाश कर रहे हैं. इस सर्वे में सिर्फ बाघों की ही नहीं बल्कि हाथी, तेंदुआ, हिरण, गिद्ध समेत अन्य वन्य जीवों की भी खोज और सर्वे की जा रही है. सर्वे 15 से 22 दिसंबर तक चल रहा है. यह सर्वे सारंडा, पोड़ाहाट, कोल्हान और चाईबासा वन प्रमंडलों में किया जा रहा है. 250 से अधिक वनकर्मी इस अभियान में शामिल हैं, जो जंगल में रोजाना लगभग 5 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर रहे हैं. एम स्ट्रिप ऐप में जीवों के पदचिह्न, मल और अन्य प्रमाणों को अपलोड किया जा रहा है, जिससे डाटा वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून भेजा जायेगा. अब तक के सर्वे में बाघों के पदचिह्न या अन्य निशान नहीं मिले हैं, लेकिन जंगली सूअर, लोमड़ी, हिरण और मोर जैसे जीवों की उपस्थिति दर्ज की गयी है. कुंदरुगुटू वन प्रक्षेत्र के तेंदा क्षेत्र के जंगल में बुधवार को वनरक्षी सोमनाथ मेलगंडी और उदय सिंह तामसोय ने स्थानीय ग्रामीण प्रधान बोदरा, जितेंद्र सवैया, डोबरो बोयपाई, अंतू बोदरा के साथ सर्वे किया, जिसमें हिरण के स्केट फुटप्रिंट पाये गये. इसके अलावा जंगली सुअर, मोर आदि के रहने के स्थान के निशान मिले.- ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन-2026 के तहत हमारे कुंदरुगुटू वन प्रक्षेत्र में भी प्रशिक्षित वन कर्मियों द्वारा वन्यजीवों का गणना का सर्वे किया जा रहा है. कुंदरुगुटू वन प्रक्षेत्र के जंगलों में तीन समूह में वनकर्मी अलग अलग क्षेत्र में सर्वे कर रहे हैं.
– शंकर भगत
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