नोवामुंडी.डांगुवापोसी स्थित आरपीएफ पोस्ट में गुरुवार को जमीन बचाओ संघर्ष समिति पदापहाड़ व सरबिल गांवों के पदधारी, रैयत और दपू रेलवे चक्रधरपुर डिवीजन के पदाधिकारियों के बीच खास बैठक हुई. यहां 28 फरवरी को पदापहाड़ गांव में रेल चक्का जाम आंदोलन को लेकर विचार-मंथन किया गया. रैयतों का नेतृत्व पूर्व विधायक मंगलसिंह बोबोंगा, मुंडा लक्ष्मण बालमुचू ने किया.
रेलवे प्रशासन की ओर से ईएन व पीडब्ल्यूआइ ने वार्ता में भाग लिया. बैठक में दूरभाष पर डीआरएम तरुण हुरिया ने आंदोलन कर रहे रैयतों को आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि वे मार्च महीना में रैयतों की समस्याएं सुनने व उनका समाधान के लिए 12 मार्च से 17 मार्च के बीच पदापहाड़ गांव आयेंगे. ऐसे में 28 फरवरी को आहूत रेल चक्का जाम आंदोलन को स्थगित किया जाये. बैठक के बाद पूर्व विधायक श्री बोबोंगा ने कहा कि 28 फरवरी को होने वाला रेल चक्का जाम कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित किया जाता है. डीआरएम के साथ वार्ता के बाद आंदोलन की अगली रणनीति बनाने का ऐलान किया.मौके पर मुंडा लक्ष्मण बालमुचू, राजेन बालमुचू, कांडे बालमुचू, पूर्व विधायक मंगलसिंह बोबोंगा, इजहार राही, लक्ष्मी लागुरी, पवन सिंह समेत काफी संख्या में सरबिल व पदापहाड गांवों के रैयत महिला-पुरुष व रेलवे के पदाधिकारी मौजूद थे.रैयत जमीन अधिग्रहण मामले को लेकर आंदोलित
ज्ञात हो कि रैयत जमीन अधिग्रहण मामले को लेकर आंदोलित हैं. ग्रामीण जमीन के बदले रेलवे विभाग में नौकरी व मुआवजा की मांग कर रहे हैं. पदापहाड़ जमीन बचाओ संघर्ष समिति अध्यक्ष राजेंद्र बालमुचु ने बताया था इसके पहले रेलवे ने अधिकतर रैयतों के साथ धोखा किया था. अब रैयत रेलवे को एक इंच तक जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं. इस विषय को लेकर स्टेशन अधीक्षक के माध्यम से केंद्रीय रेल मंत्री, रेलवे जीएम कोलकाता गार्डेनरीच, चक्रधरपुर के डीआरएम को पत्र प्रेषित किया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

