चिरिया. सारंडा का सबसे पुराना खदान चिरिया माइंस पिछले 115 वर्षों से लगातार संचालित है. वर्तमान में यह स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के अधीन है. विडंबना यह है कि इतने ऐतिहासिक और सक्रिय खदान क्षेत्र में आज तक ग्रामीणों के लिए एक सुव्यवस्थित सड़क तक नहीं बन पायी है.
5 किलोमीटर सड़क में गड्ढों का अंबार :
चिरिया को जिला मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली बिरसा चौक से अंकुवा चौक तक करीब 5 किलोमीटर लंबी सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं, जिनमें बारिश का पानी भर जाने से चलना और भी मुश्किल हो गया है. रोजाना सैकड़ों कर्मचारी, ठेका श्रमिक, सप्लाई कर्मी और ग्रामीण इस मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन सड़क की स्थिति अत्यंत दयनीय है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सेल प्रबंधन समय-समय पर सड़क की औपचारिक मरम्मत तो कराता है, परंतु यह काम केवल दिखावे तक सीमित रहता है. वर्तमान में मरम्मत कार्य भी पूरी तरह बंद है.बारिश में गड्ढों में तब्दील सड़क, बढ़ा हादसे का खतरा :
लगातार हो रही बारिश के कारण सड़क के गड्ढों में पानी भर गया है और जगह-जगह फिसलन हो गयी है. पैदल चलने वाले राहगीरों और दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह मार्ग अब खतरे का पर्याय बन गया है. जहां चारपहिया वाहनों को यह दूरी तय करने में पांच मिनट लगने चाहिए, वहीं अब कम से कम आधा घंटा लग रहा है.तीन बार हुई मापी, पर निर्माण नहीं शुरू :
ग्रामीणों ने बताया कि पीसीसी सड़क निर्माण की मांग पर जनप्रतिनिधियों द्वारा तीन बार नापी (सर्वे) करायी गयी और रिपोर्ट भी जमा की गयी, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ. लोगों का कहना है कि न तो जिला प्रशासन और न ही सेल प्रबंधन इस दिशा में गंभीर दिखायी देता है. महिलाओं का श्रमदान भी बेअसर रहा : गांव की महिलाएं कई बार श्रमदान कर सड़क की मरम्मत करने के लिए उतरीं, ताकि प्रशासन और कंपनी को आइना दिखाया जा सके. लेकिन अधिकारियों की बेरुखी और उदासीनता देखकर अब महिला संगठन भी निराश होकर चुप हैं.ग्रामीण बोले -अब तो बस उम्मीद ही बाकी है :
स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे वर्षों से इस सड़क की मरम्मत की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिलता है. लोगों ने कहा कि अब समय आ गया है जब प्रशासन और सेल दोनों को मिलकर चिरिया जैसे ऐतिहासिक क्षेत्र को उसकी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए.
ग्रामीणों ने उठाये सवाल – सीएसआर का लाभ चिरिया को क्यों नहीं?
चिरिया पंचायत की आबादी करीब 8 हजार है. यहां सेल का जनरल ऑफिस, गेस्ट हाउस, अस्पताल, पुलिस थाना, पोस्ट ऑफिस, बैंक और डीएवी स्कूल जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं मौजूद हैं. इसके बावजूद गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली पीसीसी सड़क अब तक नहीं बन पायी है. ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि यदि सेल अपने सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत आसपास के इलाकों में विकास कार्य करने का दावा करती है, तो फिर चिरिया जैसे प्रमुख खदान क्षेत्र को अब तक सड़क सुविधा से क्यों नहीं जोड़ा गया?
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