चक्रधरपुर.
चक्रधरपुर प्रखंड के संताल बाहुल गांवों में पारंपरिक सागुन सोहराय पर्व पूरे हर्षोल्लास और सांस्कृतिक उमंग के साथ मनाया जा रहा है. बुधवार को पोटका संताल बस्ती में सोहराय पर्व को लेकर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें सिंहभूम की सांसद जोबा माझी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं. इस अवसर पर सांसद जोबा माझी समाज की महिलाओं के साथ पारंपरिक परिधान पहनकर गाय, बैल, भैंस और अन्य पशुधन की पूजा-अर्चना की. उन्होंने पारंपरिक विधि से पशुधन की आरती उतारी. उनके अच्छे स्वास्थ्य, किसानों की खुशहाली तथा समृद्ध फसल की कामना की.सांसद ने कहा कि सोहराय पर्व संताल समाज का प्राचीन और सांस्कृतिक महापर्व है, जो पशुधन और प्रकृति के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है. यह पर्व न केवल कृषि संस्कृति का उत्सव है बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता और पारिवारिक एकता का भी संदेश देता है. उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारी संस्कृति, परंपरा और प्रकृति के प्रति प्रेम को दर्शाता है. पशुधन हमारे जीवन और खेती के अभिन्न अंग हैं, इसलिए उनका सम्मान और देखभाल हमारी जिम्मेदारी है.पारंपरिक गीतों से उत्सव का माहौल
पूरे क्षेत्र में ढोल-मांदर की थाप और पारंपरिक गीतों की गूंज से उत्सव का माहौल बन गया. ग्रामीणों ने अपने सजे-धजे पशुओं को नचाकर पर्व का उल्लास व्यक्त किया. महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

